गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि इसी सप्ताह गृह सचिव सहित मंत्रालय के अन्य अधिकारियों के साथ संसदीय समिति के समक्ष प्रस्तुति दे सकते हैं। इस दौरान वे तीनों बिलों के लाने के पीछे का कारण, उनकी आवश्यकताएं और उनकी प्रासंगिकता स्पष्ट करेंगे।
केंद्र सरकार की ओर संसद के मानसून सत्र में पेश किए गए तीन विधेयकों पर केंद्रीय गृह सचिव भल्ला संसदीय समीति के समक्ष प्रस्तुति दे सकते हैं। अधिकारियों के अनुसार, इसी सप्ताह अन्य अधिकारियों के साथ गृह सचिव भल्ला आईपीसी, सीआरपीसी और साक्ष्य अधिनियम की जगह लेने वाले बिलों पर अपनी बात रखेंगे।
जानकारी के अनुसार, 11 अगस्त को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने लोकसभा में भारतीय न्याय संहिता-2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता-2023 और भारतीय साक्ष्य-2023 पेश किया था। यह तीन बिल भारतीय दंड संहिता- 1860, आपराधिक प्रक्रिया अधिनियम- 1898 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम- 1872 की जगह लेंगे। विधेयकों को गृह मंत्रालय की संसदीय स्थाई समिति के पास भेजा गया था। यूपी के सांसद बृजलाल ने इसकी अध्यक्षता करेंगे।
बिल का सावधानी पूर्वक परीक्षण करने का अनुरोध
गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि इसी सप्ताह गृह सचिव सहित मंत्रालय के अन्य अधिकारियों के साथ संसदीय समिति के समक्ष प्रस्तुति दे सकते हैं। इस दौरान वे तीनों बिलों के लाने के पीछे का कारण, उनकी आवश्यकताएं और उनकी प्रासंगिकता स्पष्ट करेंगे। अमित शाह ने सांसदों से अनुरोध किया था कि वे बिल का सावधानी पूर्वक परीक्षण करें। बता दें, बिल का मसौदा तैयार करते वक्त गृहमंत्री ने स्वयं हितधारकों के साथ करीब 150 बैठकों में भाग लिया था।
- बिप्लब कुमार देब
- दिग्विजय सिंह
- नीरज शेखर
- काकोली घोष दोस्तीदार
- दयानिधि मारन
- वी डी राम
- रवनीत सिंह