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मलाबार युद्धाभ्यास से उड़ी ‘ड्रैगन’ की नींद, निगरानी में जुटे चीनी उपग्रह, अभ्यास में भारत भी शामिल

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ऑस्ट्रेलिया पहुंची भारतीय पनडुब्बी रॉयल ऑस्ट्रेलियाई नौसेना इकाइयों के साथ विभिन्न अभ्यासों में भाग लेगी। क्वाड्रीलेटरल सिक्योरिटी डायलॉग (क्वाड) में भारत-प्रशांत क्षेत्र की चार प्रमुख नौसेनाएं भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया भी शामिल हैं। हिंद-प्रशांत क्षेत्र में होने वाला मलाबार अभ्यास एक साल जापान में होता है।

क्वाड देशों के सदस्यों में शामिल भारत, जापान, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका के बीच चल रहे मलाबार युद्धाभ्यास से चीन घबराया हुआ है। चीन ने अपने सैकड़ों उपग्रहों को ऑस्ट्रेलिया के ऊपर युद्धाभ्यास की निगरानी के लिए तैनात कर दिया है। वहीं, मलाबार अभ्यास के बीच भारतीय पनडुब्बी आईएनएस वागीर को ऑस्ट्रेलिया के फ्रेमेंटल में तैनात किया गया है।

ऑस्ट्रेलिया पहुंची भारतीय पनडुब्बी रॉयल ऑस्ट्रेलियाई नौसेना इकाइयों के साथ विभिन्न अभ्यासों में भाग लेगी। क्वाड्रीलेटरल सिक्योरिटी डायलॉग (क्वाड) में भारत-प्रशांत क्षेत्र की चार प्रमुख नौसेनाएं भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया भी शामिल हैं। हिंद-प्रशांत क्षेत्र में होने वाला मलाबार अभ्यास एक साल जापान में होता है। नौसैन्य अभ्यास  का पिछला संस्करण जापान की मेजबानी में हुआ था। 2020 में क्वाड देशों के क्लब में शामिल हुआ ऑस्ट्रेलिया पहली बार क्वाड देशों की नौसेनाओं के मलाबार अभ्यास की मेजबानी कर रहा है।

 

पांचवीं कलवरी श्रेणी की पनडुब्बी है आईएनएस वागीर
पनडुब्बी वागीर भारतीय नौसेना की पांचवीं कलवरी श्रेणी की पनडुब्बी है, जिसे भारतीय नौसेना में इसी साल जनवरी में शामिल किया गया था और इसका बेस मुंबई में स्थित है। 20 अगस्त को यह ऑस्ट्रेलिया के फ्रेमेंटल पहुंच चुकी है। अपने प्रवास के दौरान आईएनएस वागीर ऑस्ट्रेलिया के पश्चिमी तट पर रॉयल ऑस्ट्रेलियाई नौसेना (आरएएन) इकाइयों के साथ विभिन्न अभ्यासों में भाग लेगी।

दो चरणों में हो रहा मलाबार युद्धाभ्यास
मलाबार युद्धाभ्यास दो चरणों में हो रहा है। पहले चरण में चारों देशों की नौसेना के सैनिक एक-दूसरे के युद्धपोतों में जाएंगे और पेशेवर अभ्यास सीखेंगे। दूसरे चरण में अधिक गहनता के साथ अभ्यास होगा। इसमें एंटी सर्फेस, एंटी एयर और एंटी सबमरीन भी शामिल होगी। इसमें सतह और हवा में मौजूद दुश्मन के लक्ष्य को निशाना बनाने का अभ्यास होगा। साथ ही सबमरीन को भी ध्वस्त करने के गुर सिखाए जाएंगे। इससे पहले पिछले साल नवंबर में जापान ने मलाबार एक्सरसाइज का नेतृत्व किया था। इस युद्धाभ्यास में आईएनएस शिवालिक-कमोर्टा शामिल हुए थे।

कुवैत पहुंचा आईएनएस विशाखापत्तनम
कुवैत के साथ नौसैन्य संबंधों में नया अध्यायन जोड़ने के उद्देश्य से आईएनएस विशाखापत्तनम रविवार को अल-शुवाइख बंदरगाह पहुंचा। तीन दिवसीय दौरे पर पहुंचे इस युद्धपोत के दरवाजे भारतीय समुदाय के लिए खुले होंगे। कुवैत स्थित भारतीय दूतावास की तरफ से जारी बयान के अनुसार, आईएनएस विशाखापत्तनम की यात्रा व चालक दल सदस्यों के साथ लोगों की मुलाकात सकारात्मकता फैलाएगी। यह दौरा भारत व कुवैत की नौसेनाओं के बीच द्विपक्षीय संबंधों में नया अध्याय जोड़ेगी।

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