सुप्रीम कोर्ट के आए फैसले के बाद अब भारतीय जनता पार्टी से दो-दो हाथ करने के लिए कांग्रेस के नेताओं ने अपने दांव आजमाने शुरू कर दिए हैं। कांग्रेस पार्टी के नेताओं का कहना है कि जितनी जल्दी राहुल गांधी की सदस्यता बहाल की जाएगी उतनी जल्दी ही सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश का अमल मान लिया जाएगा।
राहुल गांधी की सदस्यता बहाली पर कांग्रेस ने “24 घंटे” के अल्टीमेटम को अपना मुद्दा बना लिया। यही नहीं पार्टी ने इन “घंटों”.के अलावा “सैकड़ों किलोमीटर की दूरी वाले फैसले” पर भारतीय जनता पार्टी को घेरने का पूरा प्लान तैयार कर लिया है। पार्टी से जुड़े नेताओं का कहना है अगर राहुल गांधी की सदस्यता उसी तेजी से बहाल नहीं होगी जिस तेजी से उनकी सदस्यता ली गई थी तो कांग्रेस पार्टी भारतीय जनता पार्टी को सदन से लेकर सड़क तक जनता के सामने एक्सपोज करेगी। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के आए हुए इस फैसले से पार्टी को न सिर्फ बड़ी ताकत मिली है बल्कि अगले कुछ दिनों में सदन के अंदर होने वाले अविश्वास प्रस्ताव चर्चा में भी शामिल हो सकते हैं। फिलहाल पार्टी इसको बड़ी जीत के तौर पर देख रही है और चुनावी नजरिए से राजनीतिक जानकारी इसको बड़ा फैसला मान रहे हैं।
सुप्रीम कोर्ट के आए फैसले के बाद अब भारतीय जनता पार्टी से दो-दो हाथ करने के लिए कांग्रेस के नेताओं ने अपने दांव आजमाने शुरू कर दिए हैं। कांग्रेस पार्टी के नेताओं का कहना है कि जितनी जल्दी राहुल गांधी की सदस्यता बहाल की जाएगी उतनी जल्दी ही सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश का अमल मान लिया जाएगा। पार्टी की योजना के मुताबिक भारतीय जनता पार्टी अगर राहुल गांधी की सदस्यता बहाल करने में देरी करती है तो उनके कार्यकर्ता और नेता भारतीय जनता पार्टी सरकार की मंशा को जन जन तक पहुंचाने के लिए घर घर पहुंचेंगे। पार्टी से जुड़े नेताओं का कहना है कि इस फैसले में भारतीय जनता पार्टी सरकार की मंशा को न सिर्फ जाहिर किया है बल्कि यह भी बताया है कि किस तरह से एक फैसले के बाद 24 घंटे के अंदर राहुल गांधी को अयोग्य करार देकर उनकी सदस्यता रद्द कर दी गई थी। उसके बाद उनके सरकारी घर तक को छीन लिया गया था।
कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मलिकार्जुन खरगे कहते हैं कि राहुल गांधी की सदस्यता जब ट्रायल कोर्ट ने रद्द की थी तो दिल्ली से सैकड़ों किलोमीटर दूर के फैसले को लागू करने में भाजपा सरकार ने 24 घंटे में फैसला ले लिया था। अब देखेंगे कि कितने घंटे में उनको सदस्यता बहाल करेंगे। खरगे कहते हैं कि यह देखना जरूरी होगा कि लोकसभा में अब राहुल गांधी की सदस्यता को बहाल करने के लिए यह कितना वक्त लेते हैं। संसदीय दल के नेता अधीर रंजन चौधरी कहते हैं कि इस मामले में अब लोकसभा अध्यक्ष को राहुल गांधी की संस्था बहाल करने में वक्त नहीं लगाना चाहिए। कांग्रेस पार्टी के नेता रणदीप सुरजेवाला कहते हैं कि फैसले के 6 घंटे के भीतर ही लोकसभा अध्यक्ष को राहुल गांधी की सदस्यता बहाल कर देनी चाहिए।
राजनीतिक जानकार एचएन दुआ कहते हैं कि यह फैसला कांग्रेस पार्टी के लिए यह एक बहुत बड़ी जीत के तौर पर देखा जा रहा है। दुआ का कहना है कि कांग्रेस ने जिस तरीके से इस पूरे मामले में लड़ाई लड़ी और राहुल गांधी की अनुपस्थिति में सदन के भीतर आवाज बुलंद की, वह अब पार्टी को एक बड़े आवाज के तौर पर दिखती हुई नजर आ रही है। उनका कहना है कि राहुल गांधी की उपस्थिति में निश्चित तौर पर विपक्षी दलों के नेताओं के बीच उनकी न सिर्फ एक अलग छवि नजर आएगी बल्कि बड़े नेता के तौर पर उनका चेहरा भी सामने दिखेगा। दरअसल राहुल गांधी लगातार विपक्षी दलों के नेताओं की बैठकों में शिरकत करते आ रहे हैं। लेकिन अब जब लगातार विपक्षी दलों के नेता सदन में अपनी आवाज बुलंद कर रहे हैं तो राहुल गांधी की अनुपस्थिति न सिर्फ कांग्रेस बल्कि अन्य नेताओं को भी खल रही होगी। कांग्रेस पार्टी के नेता हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा कहते हैं कि जल्द से जल्द राहुल गांधी सदन में पहुंचेंगे और जनता के मुद्दों को उसी प्रमुखता के साथ सदन के पटल पर रखेंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को राहत देते हुए कहा कि ट्रायल कोर्ट के आदेश के प्रभाव व्यापक हैं। इससे न केवल राहुल गांधी का सार्वजनिक जीवन में बने रहने का अधिकार प्रभावित हुआ, बल्कि उन्हें चुनने वाले मतदाताओं का अधिकार भी प्रभावित हुआ। मोदी’ उपनाम टिप्पणी मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि निचली अदालत के न्यायाधीश द्वारा अधिकतम सजा देने का कोई कारण नहीं बताया गया है, अंतिम फैसला आने तक दोषसिद्धि के आदेश पर रोक लगाने की जरूरत है।