शीर्ष अदालत के समक्ष दायर अपनी याचिका में 70 वर्षीय खान ने धारा 342 के तहत बयान दर्ज करने पर रोक लगाने की अपील की है। याचिका में कहा गया है कि जिला व सत्र न्यायाधीश हुमायूं दिलावर के समक्ष चल रहे मुकदमे को तब तक के लिए रोक दिया जाना चाहिए जब तक कि इस्लामाबाद उच्च न्यायालय इस मामले पर अपना अंतिम फैसला नहीं सुना देता।
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने तोशाखाना भ्रष्टाचार मामले में इस्लामाबाद उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ उच्चतम न्यायालय का रुख किया है। इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने इमरान की ओर से आपराधिक कार्यवाही पर रोक लगाने की मांग करने वाली उनकी याचिका खारिज कर दी थी। इस्लामाबाद उच्च न्यायालय (आईएचसी) का दो बार दरवाजा खटखटाने के बावजूद पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के प्रमुख खान को सरकारी उपहारों के बारे में विवरण छिपाने से संबंधित मामले में राहत नहीं मिली थी।
इमरान खान ने धारा 342 के तहत बयान दर्ज कराने पर रोक लगाने की अपील की
‘द एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ अखबार की खबर के अनुसार शीर्ष अदालत के समक्ष दायर अपनी याचिका में 70 वर्षीय खान ने धारा 342 के तहत बयान दर्ज करने पर रोक लगाने की अपील की है। याचिका में कहा गया है कि जिला व सत्र न्यायाधीश हुमायूं दिलावर के समक्ष चल रहे मुकदमे को तब तक के लिए रोक दिया जाना चाहिए जब तक कि इस्लामाबाद उच्च न्यायालय इस मामले पर अपना अंतिम फैसला नहीं सुना देता। इसमें कहा गया है कि मुकदमे को आगे बढ़ाने से पहले अदालत के अधिकार क्षेत्र पर निर्णय आवश्यक था।
बैरिस्टर गौहर अली खान के नेतृत्व वाली पीटीआई प्रमुख की कानूनी टीम ने खान की ओर से शीर्ष अदालत के समक्ष याचिका दायर की है। शीर्ष अदालत ने याचिका स्वीकार कर ली । बाद में पीटीआई प्रमुख की कानूनी टीम ने पाकिस्तान के प्रधान न्यायाधीश (सीजेपी) उमर अता बंदियाल से मुलाकात की।