संसद में चल रहे मानसून सत्र में कोई भी दिन ऐसा नहीं गया है, जिस दिन हंगामा न हुआ हो। वहीं, इस मामले पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला का दर्द छलका है। उन्होंने रविवार को चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि व्यवधान से सदन की गरिमा कम हो रही है।
संसद में चल रहे मानसून सत्र में कोई भी दिन ऐसा नहीं गया है, जिस दिन हंगामा न हुआ हो। वहीं, इस मामले पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला का दर्द छलका है। उन्होंने रविवार को चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि व्यवधान से सदन की गरिमा कम हो रही है। साथ ही बोले कि हर गंभीर मुद्दे पर राज्य विधानसभाओं और संसद में चर्चा होनी चाहिए और इसमें कोई व्यवधान नहीं होना चाहिए क्योंकि लोगों को इन लोकतंत्र के मंदिरों से बहुत उम्मीदें हैं।
उन्होंने सभा में कहा कि लोगों को राज्य विधानसभाओं और लोकसभा से बहुत उम्मीदें हैं। लोग आपको बहुत उम्मीदों के साथ यहां भेजते हैं। उन्होंने कहा कि सदन में विधेयकों सहित मुद्दों पर व्यापक बहस और चर्चा बेहतर परिणाम ला सकती है। लोकसभा सचिवालय ने बाद में एक बयान जारी किया जिसमें कहा गया कि बिड़ला ने लोकतंत्र को बनाए रखने और मजबूत करने में जन प्रतिनिधियों की भूमिका पर जोर दिया।