
धूम्रपान मस्तिष्क ही नहीं हमारे पूरे शरीर के लिए सबसे हानिकारक आदतों में से एक है। अगर आप धूम्रपान करते हैं तो अन्य लोगों की तुलना में आपमें मस्तिष्क स्वास्थ्य की समस्या होने का खतरा अधिक हो सकता है। धूम्रपान रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचाती है और क्रोनिक इंफ्लामेशन का कारण बनती है, जिससे स्ट्रोक और संज्ञानात्मक गिरावट हो सकती है।ब्रेन कोशिकाओं को स्वस्थ रखने और मस्तिष्क के ठीक से काम करते रहने के लिए जरूरी है कि आप इस आदत को तुरंत छोड़ दें।

हमारे मस्तिष्क के लिए जिन आदतों को सबसे खतरनाक माना जाता है उनमें नींद न पूरे होने की समस्या भी प्रमुख है। पर्याप्त नींद न लेना आपके मस्तिष्क के लिए कई प्रकार की दिक्कतों को बढ़ाने वाली हो सकती है। जब आप पर्याप्त नींद नहीं लेते हैं, तो मस्तिष्क को आराम नहीं मिलता है। इससे संज्ञानात्मक गिरावट, स्मृति हानि और मूड में बदलाव जैसी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं।कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि नींद की कमी से डिमेंशिया जैसे रोगों के खतरे को भी बढ़ा देती है।

अगर आप बहुत ज्यादा अकेलापन महसूस करते हैं या फिर लोगों से मिलना-जुलना या बातें करना कम पसंद करते हैं तो यह आदत अवसाद और अल्जाइमर के जोखिम को बढ़ाने वाली हो सकती है। सोशल आइसोलेशन समय के साथ आपके बौद्धिक क्षमता में गिरावट का कारण भी बन सकती है।में पाया गया कि जो लोग सामाजिक रूप से कम सक्रिय होते हैं उनमें मस्तिष्क की कार्यक्षमताओं में कमी का खतरा अधिक हो सकता है

बहुत ज्यादा बैठे रहने या सेंडेंटरी लाइफस्टाइल को पूरे शरीर के लिए हानिकारक पाया गया है, आपके मस्तिष्क पर भी इसके दुष्प्रभाव हो सकते हैं। , मस्तिष्क के उस हिस्से में क्षति का कारण बनती है जो स्मृति के लिए आवश्यक है।शोधकर्ताओं ने 45 से 75 वर्ष की आयु के लोगों में इसका परीक्षण किया जिसमें पाया गया कि जो लोग कम सक्रिय थे उनमें मस्तिष्क की बीमारियों के विकसित होने का खतरा अधिक हो सकता है।
