विदेश मंत्री एस जयशंकर ने संसद में कहा कि पिछले दो दशकों में वैश्विक कार्यस्थल की तलाश करने वाले भारतीय नागरिकों की संख्या महत्वपूर्ण रही है। उनमें से कई ने व्यक्तिगत सुविधा के कारणों से विदेशी नागरिकता लेने का विकल्प चुना है।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शुक्रवार को लोकसभा को बताया कि इस साल जून तक 87,026 भारतीयों ने अपनी नागरिकता छोड़ी है। एक लिखित उत्तर में उन्होंने कहा कि 2011 से अब तक 17.50 लाख से अधिक लोगों ने अपनी भारतीय नागरिकता छोड़ी है। जयशंकर ने कहा कि 2022 में 2,25,620, वर्ष 2021 में 1,63,370, वर्ष 2020 में 85,256 भारतीयों ने अपनी नागरिकता छोड़ी।
मुकदमेबाजी पर दो साल में केंद्र के 102 करोड़ खर्च
केंद्र सरकार ने पिछले दो वित्तीय वर्षों में मुकदमेबाजी पर 102 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। विधि मंत्रालय की तरफ से संसद में दी गई जानकारी के मुताबिक केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालय व विभाग देशभर के तमाम न्यायालयों में दर्ज 6.36 लाख लंबित मामलों में पक्षकार है। इनमें से सबसे ज्यादा 1.79 लाख मामलों में वित्त मंत्रालय पक्षकार है। रक्षा मंत्रालय 87,000 और शिक्षा मंत्रालय 17,000 मामलों में पक्षकार है। केंद्रीय विधि राज्य मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने लोकसभा में लिखित जवाब में बताया कि केंद्र सरकार ने इन मुकदमों पर अपना पक्ष रखने के लिए 2022-23 में 54.35 करोड़ रुपये खर्च किए हैं।
आईएएस व आईपीएसकी तर्ज पर जिला स्तर पर जजों की भर्ती के लिए अखिल भारतीय न्यायिक सेवा स्थापित करने के प्रस्ताव पर आम सहमति नहीं है। मेघवाल ने बताया कि राज्यों व उच्च न्यायालयों की इसे लेकर अलग-अलग राय है। एक अन्य सवाल के जवाब में मेघवाल ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने इस साल अब तक लगभग 26 हजार, जबकि 25 उच्च न्यायालयों ने 5.23 लाख से अधिक मामलों का निपटारा किया है।
कोविड बाद हृदयगति रुकने से मौत की वजह जानने को अध्ययन जारी : केंद्र
कोविड के बहुत से युवाओं की हृदय गति रुकने से मौत हुई। लेकिन, इसके पीछे कारणों की पुष्टि करने के लिए फिलहाल पर्याप्त सबूत नहीं है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने लोकसभा में एक सवाल का जवाब देते हुए बताया कि इन वजहों को जानने के लिए भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) 18-45 की उम्र के लोगों पर देश के 40 अस्पताल व शोध केंद्रों पर तीन अलग-अलग अध्ययन कर रहा है।
दिल के रोगियों को मदद
मांडविया ने बताया कि हृदय संबंधी रोगों से निपटने के लिए केंद्रीय परिवार व स्वास्थ्य कल्याण विभाग तकनीकी व वित्तीय मदद मुहैया कराई जाती है। इसके तहत देश के 724 जिलों में गैर-संचारी रोग क्लीनिक, 210 जिलों में कार्डियक केयर यूनिट, 326 जिलों में डे केयर सेंटर बनाए गए हैं।