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आखिरी सिविल पैकेज का अनुबंध जारी, तीन स्टेशन सहित सात सुरंग और पुल का होगा निर्माण

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एनएचएसआरसीएल ने बताया कि महाराष्ट्र गुजरात सीमा के जारोली गांव से ठाणे जिले के शिलफाटा की दूरी 135 किलोमीटर है। इस 135 किलोमीटर के खंड के काम में ठाणे, विरार और बोइसर स्टेशनों का निर्माण, इसके अलावा सात सुरंग और वैतराणा नदी पर दो किलोमीटर का सबसे लंबा पुल शामिल है।

नेशनल हाईस्पीड रेल कॉपर्शेन लिमिटेड ने मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना के आखिरी सिविल पैकेज का अनुबंध कर लिया है। अनुबंध के तहत 135 किलोमीटर लंबे खंड के बीच शामिल इंफ्रास्ट्रकचर का निर्माण किया जाएगा। बता दें, बुलेट ट्रेन कॉरिडोर को 28 अनुबंध पैकेज में विभाजित किया गया है। इन 28 पैकेज में से 11 पैकेज सिविल हैं। एनएचएसआरसीएल ने बताया कि महाराष्ट्र गुजरात सीमा के जारोली गांव से ठाणे जिले के शिलफाटा की दूरी 135 किलोमीटर है। इस 135 किलोमीटर के खंड के काम में ठाणे, विरार और बोइसर स्टेशनों का निर्माण, इसके अलावा सात सुरंग और वैतराणा नदी पर दो किलोमीटर का सबसे लंबा पुल शामिल है। इससे पहले एनएचएसआरसीएल ने मुंबई बीकेसी स्टेशन सहित सात किलोमीटर लंबी समुद्र के नीचे सुरंग सहित 21 किलोमीटर लंबी सुरंग के निर्माण का ठेका दे दिया है। आखिरी 135 किलोमीटर के अनुबंध के साथ मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना के सभी सिविल करार कर लिए हैं। एनएचएसआरसीएल ने बताया कि 508 किलोमीटर लंबे एमएएचएसआर कॉरिडोर के सभी 11 सिविल पैकेज पुरस्कार के रूप में है। इसमें 465 किमी लंबे वियाडक्ट, 12 एचएसआर स्टेशन, तीन रोलिंग स्टॉक डिपो, 10 किमी वायाडक्ट वाले 28 स्टील पुल, 24 नदी पुल, 9 सुरंगें और 7 किमी लंबी भारत की पहली समुद्र के नीचे सुरंग शामिल है। वापी, बिलिमोरा, सूरत और भरूच और सूरत रोलिंग स्टॉक डिपो गुजरात के लिए पहला सिविल अनुबंध 28 अक्टूबर 2020 को दिया गया था। इसमें 237 किलोमीटर वियाडक्ट का निर्माण भी शामिल है। निगम का दावा है कि यह भारत का सबसे बड़ा सिविल अनुबंध था। बता दें, परियोजना की कुल कीमत 1.08 लाख करोड़ आंकी गई है।

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