देश के 10 राज्यों में भाजपा की सरकारें हैं, जबकि पांच राज्यों में वह दूसरे दलों के साथ गठबंधन में है।
दिल्ली के अशोका होटल में मंगलवार को हुई राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की बैठक से पहले 38 दलों के शामिल होने की घोषणा की गई थी, लेकिन इसमें 39 दलों के 45 नेता शामिल हुए। वहीं, अपना दल (एस) की नेता अनुप्रिया पटेल चर्चा में रहीं। दरअसल, मंच पर उपस्थित अनुप्रिया अकेली महिला नेता थीं। उन्होंने अपने भाषण में कहा कि सामाजिक न्याय की अवधारणा को मोदी सरकार ने ही वास्तविक रूप में जमीन पर उतारा है। इसके लिए उन्होंने नीट में ओबीसी आरक्षण, ओबीसी आयोग को संवैधानिक दर्जा दिए जाने, नवोदय, सैनिक और केंद्रीय विद्यालयों में प्रवेश के लिए ओबीसी आरक्षण लागू किए जाने का जिक्र किया।
बैठक को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, यह बेहद खुशी की बात है कि पूरे भारत से हमारे महत्वपूर्ण एनडीए साझेदार दिल्ली में बैठक में शामिल हो रहे हैं। हमारा गठबंधन समय पर खरा उतरा है जो राष्ट्रीय प्रगति को आगे बढ़ाने और क्षेत्रीय आकांक्षाओं को पूरा करना चाहता है।
पीएम ने कहा, राजनीतिक स्वार्थ के लिए विपक्षी दल करीब तो आ सकते हैं, लेकिन एक साथ नहीं हो सकते हैं। पिछले 9 साल के दौरान एनडीए सरकार ने गरीबों और वंचितों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए कठोर परिश्रम किया है। उन्होंने कहा कि उनके शरीर का हर कण, समय का हर क्षण देश को समर्पित है। उन्होंने कहा कि उनसे गलती हो सकती है, लेकिन वह कभी खराब नीयत से काम नहीं करेंगे। पीएम ने विपक्षी गठबंधन में शामिल दलों की अलग-अलग राज्यों में तकरार पर भी चुटकी ली। कहा, जो दल बंगलूरू में गलबहियां कर रहे थे, वही राज्यों में एक दूसरे के खून के प्यासे हैं।
चिराग को लगाया गले तो निषाद की थपथपाई पीठ
बैठक में पीएम से मुलाकात के दौरान भी कई सियासी संकेत मिले। मसलन पीएम ने लोजपा रामविलास के अध्यक्ष चिराग पासवान को गले लगाया तो निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद से गर्मजोशी से मिलने के बाद उनकी पीठ थपथपाई। चिराग और पीएम की गर्मजोशी भरी मुलाकात ऐसे समय में हुई है, जब लोजपा के दोनों गुटों में मतभेद चरम पर हैं और चिराग ने अपने पिता दिवंगत रामविलास पासवान की परंपरागत सीट हाजीपुर पर अपना दावा जताया है। दूसरी ओर, निषाद से गर्मजोशी भरी मुलाकात को बिहार में मल्लाहों के बीच प्रभावी वीआईपी पार्टी के अध्यक्ष मुकेश सहनी की काट के रूप में देखा जा रहा है।
अकाली दल-टीडीपी को भी दिया संदेश
भाजपा ने इस बैठक के जरिये कभी एनडीए का अंग रहे दलों को भी स्पष्ट संदेश दिया। पार्टी ने कहा कि एनडीए का किसी भी दल से बैर नहीं है। हमारा अपना एजेंडा, कार्यक्रम, नीति और विचारधारा है। जो भी इससे सहमत हैं, उसका स्वागत है। दरअसल, भाजपा ने साफ संदेश दिया है कि वह इन दलों की शर्तों के इतर अपनी शर्तों पर ही इन्हें एनडीए में शामिल करेगी।
15 राज्यों में है एनडीए
देश के 10 राज्यों में भाजपा की सरकारें हैं, जबकि पांच राज्यों में वह दूसरे दलों के साथ गठबंधन में है।
एनडीए के 39 दल
भाजपा, शिवसेना (शिंदे गुट), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (अजित पवार गुट), राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (पशुपति कुमार पारस), एआईएडीएमके, अपना दल (सोनेलाल), नेशनल पीपुल्स पार्टी, नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी, ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन, सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा, मिजो नेशनल फ्रंट, इंडिजिनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा, नागा पीपुल्स फ्रंट, रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (आठवले), असम गण परिषद, पीएमके, तमिल मनीला कांग्रेस, यूनाइटेड पीपुल्स पार्टी लिबरल, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी, शिरोमणि अकाली दल (संयुक्त), महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी, जननायक जनता पार्टी, प्रहर जनशक्ति पार्टी, राष्ट्रीय समाज पक्ष, जन सुराज्य शक्ति पार्टी, कुकी पीपुल्स एलायंस, यूनाइटेड डेमोक्रेटिक पार्टी (मेघालय), हिल स्टेट पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी, निषाद पार्टी, अखिल भारतीय एनआर कांग्रेस, हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा, जन सेना पार्टी, हरियाणा लोकहित पार्टी, भारत धर्म जन सेना, केरल कामराज कांग्रेस, पुथिया तमिलगम, लोक जन शक्ति पार्टी (रामविलास पासवान), गोरखा नेशनल लिबरेशन फ्रंट।