विदेश मंत्रालय की भारतीय तकनीकी एवं आर्थिक सहयोग (आईटेक) डिविजन लघु व्यवसाय के लिए इन्हें राष्ट्रीय उद्यमिता और लघु व्यवसाय विकास संस्थान में प्रशिक्षण दिलाएगी। इसमें 21 देशों के 35 प्रतिभागी हिस्सा लेंगे। इस दौरान वह देश की सभ्यता-संस्कृति से भी परिचित होंगे।
देसी ही नहीं, बल्कि विदेशी युवा भी भारत में कारोबार की बारीकियां सीख अपने राष्ट्र को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। विदेश मंत्रालय की भारतीय तकनीकी एवं आर्थिक सहयोग (आईटेक) डिविजन लघु व्यवसाय के लिए इन्हें राष्ट्रीय उद्यमिता और लघु व्यवसाय विकास संस्थान में प्रशिक्षण दिलाएगी। इसमें 21 देशों के 35 प्रतिभागी हिस्सा लेंगे। इस दौरान वह देश की सभ्यता-संस्कृति से भी परिचित होंगे।तीन हफ्ते का यह कार्यक्रम सोमवार से शुरू हुआ और चार अगस्त तक चलेगा। उद्यमिता शिक्षा के निदेशक डॉ. पूनम सिन्हा ने बताया कि इसमें इक्वाडोर, केन्या, इथियोपिया, लेसोथो, दक्षिण सूडान, तंजानिया, माली, उज्बेकिस्तान, स्वाजीलैंड, मोरक्को, किरिबाती, ताजिकिस्तान, भूटान, मलावी, नाइजर, मोजांबिक, मंगोलिया, फलस्तीन, युगांडा, फिजी व श्रीलंका समेत कुल 21 देशों के युवा भाग ले रहे हैं।प्रतिभागियों को लघु व्यवसाय शुरू करने के बारे में जानकारी दी जाएगी। प्रतिभागी जानेंगे कि 21वीं सदी में विश्व के देशों में उद्यमिता में क्या बदलाव आए हैं। देशों ने सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम की शुरुआत को लेकर खुद में क्या तब्दीलियां की हैं।
यह जानकारियां दी जाएंगी
प्रतिभागी उद्यमिता व उद्यमिता गुणवत्ता विकास, उद्यम की शुरुआत व संसाधन, उद्यमिता प्रबंधन, प्रमोटर्स की भूमिका व प्रबंधन की जानकारी लेंगे। अलग-अलग सत्रों में सफल युवा उद्यमी भी संस्थान में आएंगे और अनुभव साझा करेंगे। विदेशी प्रतिभागियों को उन संस्थानों के बारे में बताया जाएगा, जो उद्यमशीलता व लघु उद्यमों को प्रोत्साहन दे रहे हैं। प्रतिभागी सात दिन की स्टडी विजिट करेंगे। इसके तहत उन्हें आगरा, जयपुर व दिल्ली के ऐतिहासिक स्थलों का भ्रमण कराया जाएगा। विदेश मंत्रालय का 165 देशों से समन्वय है।