केंद्र सरकार औद्योगिक न्यायाधिकरण-सह-श्रम न्यायालय में पदों को भरने की मांग वाली याचिका पर अदालत ने सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। याचिका में इस साल तीन और न्यायाधिकरणों में पद खाली होने की संभावना की बात कही गई है।
सुप्रीम कोर्ट औद्योगिक न्यायाधिकरणों में रिक्तियों का मुद्दा उठाने वाली याचिका पर सोमवार को सुनवाई करेगा। याचिका के मुताबिक 22 औद्योगिक न्यायाधिकरणों में से नौ में पीठासीन अधिकारियों के पद रिक्त हैं। केंद्र सरकार औद्योगिक न्यायाधिकरण-सह-श्रम न्यायालय में पदों को भरने की मांग वाली याचिका पर अदालत ने सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। याचिका में इस साल तीन और न्यायाधिकरणों में पद खाली होने की संभावना की बात कही गई है।
सुप्रीम कोर्ट ने बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006 और इसके प्रावधानों को लागू करने के लिए उठाए गए कदमों से संबंधित मुद्दों पर जानकारी एकत्र करने और हलफनामा दायर करने के लिए केंद्र को छह सप्ताह का समय दिया है।
शीर्ष अदालत ने इस साल अप्रैल में केंद्र से एक स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने को कहा था, जिसमें बाल विवाह की प्रकृति और सीमा को लेकर विभिन्न राज्यों से जुटाए गए आंकड़ों और 2006 के कानून को लागू करने के लिए उठाए हुए कदमों की जानकारी मांगी गई थी। कोर्ट ने अधिनियम की धारा 16 के तहत बाल विवाह निषेध अधिकारियों की नियुक्ति के लिए राज्य द्वारा अनुपालन पर केंद्र सरकार को जानकारी देने के लिए भी कहा था। शीर्ष अदालत ने 13 अप्रैल के अपने आदेश में यह भी कहा था कि हलफनामे में यह भी स्पष्ट किया जाना चाहिए कि जिन अधिकारियों को नियुक्त किया गया है उन्हें अन्य बहुआयामी कर्तव्य दिए गए हैं या नहीं। एडिशनल सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) ऐश्वर्या भाटी के अनुरोध पर केंद्र सरकार को समय मिला है।