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एक हफ्ते में भाजपा से जुड़े छह नए दल, राजग की बैठक में दिखेगी 30 की ताकत

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संसद के मानसून सत्र और आगामी लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा और विपक्ष के बीच अपने-अपने अगुवाई वाले गठबंधन का बड़ा दायरा दिखाने की रस्साकशी शुरू हो चुकी है।

संसद के मानसून सत्र और आगामी लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा और विपक्ष के बीच अपने-अपने अगुवाई वाले गठबंधन का बड़ा दायरा दिखाने की रस्साकशी शुरू हो चुकी है। एक मंच पर आने की दूसरी कवायद में सोमवार से दो दिनों के विपक्षी दलों के जुटान में 24 दलों के शामिल होने की चर्चा है। इसके जवाब में भाजपा मंगलवार को होने वाली राजग की बैठक में 30 दलों को जुटाएगी।

विपक्ष के मुकाबले राजग की बढ़ी ताकत दिखाने के लिए भाजपा ने बीते एक हफ्ते में छह नए दलों को जोड़ा है। राजग में पहले से ही 24 दल शामिल थे। इन छह नए दलों के जुड़ने के बाद राजग में शामिल दलों की संख्या 30 हो गई है। पार्टी सूत्रों ने स्पष्ट किया है कि भविष्य में अकाली दल, तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी), आरएलएसपी और जदएस के साथ चुनाव पूर्व गठबंधन नहीं किया जाएगा।

अब ये हैं राजग में…
मंगलवार की राजग की बैठक से पहले भाजपा ने एनसीपी अजित गुट, लोजपा रामविलास, हम, उपेंद्र कुशवाहा की आरएलएसपी, मुकेश सहनी की वीआईपी और ओमप्रकाश राजभर की सुभासपा को साधा है। राजग में भाजपा के अलावा शिवसेना शिंदे गुट, अन्नाद्रमुक, एनपीपी, एनडीपीपी, जेजेपी, एसकेएम, बीपीपी, आईएमकेएमके, आईटीएफटी, आजसू, एमएनएफ, तमिल मनीला कांग्रेस, पीएमके, अपना दल एस, एमजीपी, एजीपी, लोजपा, निषाद पार्टी, यूपीपीएल, अखिल भारतीय एनआर कांग्रेस पुदुचेरी, अकाली दल ढींडसा, आरपीआई और पवन कल्याण की जनसेना शामिल है।

अकाली-टीडीपी से दूरी के कारण…
अकाली-टीडीपी दलों को फिर से राजग में शामिल करने पर बातचीत हुई थी। भाजपा सूत्रों का कहना है कि पार्टी नेतृत्व चुनाव के लिए अकाली दल की जगह अकाली दल ढींडसा को ज्यादा अच्छा विकल्प मान रहा है। पार्टी के रणनीतिकारों का मानना है कि अकाली दल की सिखों में पुरानी पैठ खत्म हो चुकी है। दूसरी ओर पार्टी नहीं चाहती कि टीडीपी से गठबंधन के कारण आंध्र प्रदेश में वाईएसआरसीपी विपक्षी खेमे में चला जाए। वाईएसआरसीपी ने मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में सभी अहम विधेयकों पर सरकार का साथ दिया है।

बेनीवाल से भी दूरी का संदेश
पार्टी ने राजस्थान में सहयोगी की भूमिका निभाने वाले आरएलएसपी हनुमान बेनीवाल से भी दूरी बरतने का संदेश दिया है। पीएम मोदी बेनीवाल के प्रभाव वाले नागौर में 28 जुलाई को कई कार्यक्रम कर रहे हैं।

पार्टी सूत्रों का कहना है कि पार्टी की निगाहें पश्चिम उत्तर प्रदेश में प्रभाव रखने वाली पार्टी रालोद पर है। रालोद से बातचीत जारी है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि इसी प्रकार पार्टी को कर्नाटक में जदएस के साथ चुनाव पूर्व गठबंधन का कोई लाभ नहीं दिख रहा है। वह इसलिए कि कभी इस पार्टी का आधार माने जाने वाले वोक्कालिगा बिरादरी ने उससे दूरी बना ली है।

चाचा-भतीजा में हाजीपुर सीट को लेकर फंसा पेच
लोजपा रामविलास के मुखिया चिराग पासवान ने राजग की बैठक में शामिल होने पर सहमति दी है, मगर पार्टी के दोनों गुटों के बीच दिवंगत रामविलास पासवान की परंपरागत सीट हाजीपुर के बीच तनातनी की स्थिति है। इस सीट से फिलहाल केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस सांसद हैं।

बीते चुनाव में जमुई से लोकसभा पहुंचे चिराग इस सीट पर दावा जता रहे हैं। चिराग चाहते हैं कि बैठक से पहले हाजीपुर को ले कर स्थिति साफ हो।

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