मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, बंगलूरू निवासी संतोष एक्यूट रेस्पिरेटरी डिस्ट्रेस सिंड्रोम (एआरडीएस) के साथ निमोनिया से जूझ रहे थे। वह 15 दिनों से वेंटिलेटर सपोर्ट पर थे। इसके अलावा ईसीएमओ (एक्स्ट्रा कॉर्पोरियल मेम्ब्रेन ऑक्सीजनेशन) सपोर्ट पर रहते हुए उन्हें 50 साल से अधिक वर्ष हो गए थे।
चेन्नई के एक शख्स का 78 की उम्र में दोनों फेफड़ों का सफल प्रत्यारोपण हुआ है। संतोष (बदला हुआ नाम) फेफड़े का प्रत्यारोपण कराने वाले एशिया के सबसे उम्रदराज व्यक्ति बन गए है। चेन्नई के एमजीएम हेल्थकेयर के डॉक्टरों के नेतृत्व में प्रत्यारोपण की प्रक्रिया पूरी हुई। चेन्नई के एक अस्पताल में डॉ. केआर बालाकृष्णन ने डॉ. सुरेश राव केजी और पल्मोनोलॉजी विभाग के निदेशक डॉ. अपार जिंदल शामिल थे। संतोष की उम्र के साथ-साथ सभी बीमारियों पर विचार करते हुए विशेषज्ञों ने उन्होंने फेफड़े के प्रत्यारोपण का सुझाव दिया।
रेस्पिरेटरी डिस्ट्रेस सिंड्रोम और निमोनिया से जूझ रहे थे संतोष
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, बंगलूरू निवासी संतोष एक्यूट रेस्पिरेटरी डिस्ट्रेस सिंड्रोम (एआरडीएस) के साथ निमोनिया से जूझ रहे थे। वह 15 दिनों से वेंटिलेटर सपोर्ट पर थे। इसके अलावा ईसीएमओ (एक्स्ट्रा कॉर्पोरियल मेम्ब्रेन ऑक्सीजनेशन) सपोर्ट पर रहते हुए उन्हें 50 साल से अधिक वर्ष हो गए थे।