कांग्रेस विधायक दल की बैठक में महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता पद पर दावा पेश करने से पहले राज्य में बदले राजनीतिक घटनाक्रम के बीच देखो और इंतजार करो की रणनीति अपनाने का फैसला किया गया।
एनसीपी में टूट से महा विकास आघाड़ी (एमवीए) में हलचल बढ़ गई है। कांग्रेस और शिवसेना उद्धव गुट ने अपने-अपने विधायकों को एकजुट रखने की कवायद शुरू कर दी है। इसी सिलसिले में मंगलवार को कांग्रेस और शिवसेना (यूबीटी) ने पार्टी पदाधिकारियों और विधायकों के साथ बैठक की।
कांग्रेस नेता प्रतिपक्ष के पद पर दावा पेश कर सकती है
कांग्रेस विधायक दल की बैठक में महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता पद पर दावा पेश करने से पहले राज्य में बदले राजनीतिक घटनाक्रम के बीच देखो और इंतजार करो की रणनीति अपनाने का फैसला किया गया। यह बैठक महाराष्ट्र के प्रभारी एचके पाटिल की मौजूदगी में हुई, जिसमें कांग्रेस विधायक दल के नेता बालासाहेब थोरात, अशोक चव्हाण, पृथ्वीराज चव्हाण और नाना पटोले समेत पार्टी के 45 में से 39 विधायक मौजूद रहे। पार्टी की तरफ से पहले यह कहा गया था कि एनसीपी नेता अजित पवार के पद से इस्तीफा देने और शिवसेना-भाजपा सरकार में शामिल होने के बाद कांग्रेस नेता प्रतिपक्ष के पद पर दावा पेश करने के मुद्दे पर चर्चा कर सकती है, लेकिन कांग्रेस ने फिलहाल राज्य में पार्टी और एमवीए को मजबूत करने का फैसला किया है, जिसमें एनसीपी (शरद पवार) और शिवसेना (यूबीटी) शामिल हैं।
एमवीए के साथ उद्धव गुट, समान नागरिक संहिता का भी समर्थन
एनसीपी में हुई बगावत को लेकर उद्धव ठाकरे ने अपने आवास मातोश्री में पार्टी पदाधिकारियों और विधायकों के साथ अहम बैठक की। शिवसेना (यूबीटी) के सांसद संजय राउत ने बताया कि बैठक में एनसीपी में बगावत और आगामी लोकसभा चुनाव की तैयारी समेत कई मुद्दों पर लंबी चर्चा हुई। बैठक में समान नागरिक संहिता को समर्थन देने का निर्णय लिया गया।