मिशन को भेजने वाली टीम के प्रमुख जोश एंडरसन ने बताया कि मंगल ग्रह के जेजेरो क्रेटर इलाके में यह मिशन भेजा गया था। मंगल का यह क्षेत्र काफी पथरीला है, जिसकी वजह से यहां कोई भी मिशन करना काफी मुश्किलों भरा होता है।
26 अप्रैल को टूटा था नासा का संपर्क
इस मिशन की कंट्रोलर कैलिफोर्निया स्थित नासा की जेट प्रोपल्शन लेबोरेट्री (JPL) का 26 अप्रैल को अपने करीब 1.8 किलो वजनी इनजेन्युटी हेलीकॉप्टर से संपर्क टूट गया। इस मिशन को भेजने वाली टीम के प्रमुख जोश एंडरसन ने बताया कि मंगल ग्रह के जेजेरो क्रेटर इलाके में यह मिशन भेजा गया था। मंगल का यह क्षेत्र काफी पथरीला है, जिसकी वजह से यहां कोई भी मिशन करना काफी मुश्किलों भरा होता है। यही वजह है कि यहां कम्युनिकेशन टूटने का भी खतरा रहता है।
मंगल की तस्वीरें भेजेगा इनजेन्युटी हेलीकॉप्टर
इस मिशन के तहत इनजेन्युटी हेलीकॉप्टर को उड़ान भरते हुए मंगल ग्रह की तस्वीरें नासा के पास भेजनी हैं और रोवर को मंगल की जमीन से सैंपल इकट्ठा करने हैं। इनजेन्युटी हेलीकॉप्टर से इतने लंबे समय तक संपर्क ना होने को लेकर नासा ने कहा कि हो सकता है कि हेलीकॉप्टर किसी बड़ी पहाड़ी के पीछे आ गया होगा, जिसकी वजह से वह रोवर से संपर्क नहीं कर पाया। अब फिर से संपर्क होने पर नासा ने राहत की सांस ली है और नासा को उम्मीद है कि इस मिशन से मंगल को लेकर कई अहम सुराग मिल सकते हैं।