यदि प्रदेश का कोई व्यक्ति अपनी अर्जित संपत्ति अपने रक्त संबंधियों के नाम करना चाहे तो उसे इसके लिए अब स्टांप ड्यूटी की अधिकतम सीमा 5000 रुपये कर दी गई है। फिलहाल छह माह के लिए इस व्यवस्था को लागू किया गया है।
प्रदेश के स्टांप पंजीयन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रविन्द्र जायसवाल ने कहा है कि यह प्रदेश सरकार द्वारा जनहित में लिया गया एक महत्वपूर्ण फैसला है। वर्तमान में पिता द्वारा अपने माता, पिता, पति, पत्नी, पुत्र, पुत्री, पुत्रवधू, दामाद, सगा भाई, सगी बहन, पुत्र तथा पुत्री के पुत्र, पुत्रियां आदि को अपनी स्वअर्जित अचल संपत्ति दान करनी हो तो उसे अधिकतम 5000 रुपये का शुल्क देकर आसानी से दान कर सकता है। अब तक अर्जित संपत्ति को परिजनों को दान करने पर संपत्ति को बेचने पर लगने वाले शुल्क के बराबर राशि जमा करनी पड़ती थी।
गत दिवस कैबिनेट में इस फैसले को मंजूरी दी गई। उन्होंने बताया कि शुरू में यह छूट केवल 06 माह के लिए दी जाएगी। उसके बाद समीक्षा करके इसकी अवधि को बढ़ाया जा सकता है। अचल संपत्ति के दान विलेख पर दी गई इस छूट से भूमि की उपयोगिता को बढ़ाया जा सकेगा तथा अदालतों में दायर होने वाले संबंधित मुकदमों में भी भारी कमी आएगी।