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समान नागरिक संहिता और पसमांदा मुस्लिम बनेंगे बीजेपी के चुनावी हथियार, पीएम मोदी ने दिया एजेंडा

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मंगलवार को भोपाल में मेरा बूथ सबसे मजबूत संवाद कार्यक्रम में पार्टी के अल्पकालिक विस्तारकों को चुनाव मैदान में उतारते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दस लाख बूथों पर तीन करोड़ कार्यकर्ताओं को समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए जमीन तैयार करने का एजेंडा सौंपा।

लोकसभा चुनाव 2024 में देश में समान नागरिक संहिता लागू करना और दशकों से विकास की मुख्य धारा से दूर रहे पसमांदा मुस्लिम समुदाय को बराबरी का हक दिलाना भाजपा का मुख्य चुनावी हथियार बनेगा। मंगलवार को भोपाल में मेरा बूथ सबसे मजबूत संवाद कार्यक्रम में पार्टी के अल्पकालिक विस्तारकों को चुनाव मैदान में उतारते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दस लाख बूथों पर तीन करोड़ कार्यकर्ताओं को समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए जमीन तैयार करने का एजेंडा सौंपा।

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से लेकर जनसंघ और भाजपा के राष्ट्रवाद के एजेंडे में अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर राम मंदिर निर्माण, जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 की समाप्ति और समान नागरिक संहिता तीन बड़े मुद्दे रहे हैं। मोदी 2.0 सरकार ने 5 अगस्त 2019 में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 की समाप्ति की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 5 अगस्त 2020 को अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए शिलापूजन किया।

आरएसएस और भाजपा के तीन मुख्य एजेंडे में अब समान नागरिक संहिता ही शेष है। जैसे जैसे लोकसभा चुनाव नजदीक आ रहा है वैसे वैसे समान नागरिक संहिता लागू करने का मुद्दा गर्माता जा रहा है। भाजपा के नेता और केंद्र सरकार के मंत्री इसे लागू करने की बात करते रहे हैं। लेकिन मंगलवार को पीएम मोदी ने मेरा बूथ सबसे मजबूत संवाद में 16 हजार संगठनात्मक मंडलों, दस लाख बूथों पर तीन करोड़ कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए समान नागरिक संहिता पर अपना रूख साफ कर दिया। मोदी ने संविधान में दी गई व्यवस्था और सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का हवाला देते हुए कह दिया देश दोहरी व्यवस्था कैसे चल सकता है। मोदी ने पार्टी के कार्यकर्ताओं को समान नागरिक संहिता को लेकर विपक्षी दलों की ओर से मुसलमानों में फैलाए जा रहे भ्रम को दूर करने का एजेंडा भी सौंपा।

जानकारों का मानना है कि एक ओर जहां सभी विपक्षी दल भाजपा के दलित और पिछड़े वोट बैंक में सेंध लगाने में ताकत लगा रहे हैं वहीं भाजपा ने भी विपक्षी दलों के सबसे बड़े मुस्लिम वोट बैंक में पसमांदा समाज को साधने की रणनीति बनाई है। भाजपा मुस्लिमों के बीच अगड़े पिछड़े की संभावना तलाश रही है प्रदेश में मुस्लिमों की आबादी करीब पांच करोड़ से अधिक है। इनमें पसमांदा मुस्लिमों की आबादी ढाई करोड़ से अधिक है। भाजपा ने बीते दो वर्ष से पसमांदा मुस्लिमों को साधने का अभियान चला रखा है। पसमांदा समाज के दानिश आजाद अंसारी को प्रदेश सरकार में राज्यमंत्री बनाया गया है।

वहीं अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो.तारिक मंसूर को विधान परिषद सदस्य मनोनीत किया है। नगरीय निकाय चुनाव में भी पसमांदा समाज के लोगों को प्रतिनिधित्व दिया गया है। मोदी ने कार्यकर्ताओं को पसमांदा समाज के बीच जाकर अब तक उनकी दुर्दशा के लिए विपक्षी दलों को जिम्मेदार ठहराने और मोदी सरकार में मिले बराबरी के हक को बताने की जिम्मेदारी सौंपी है। प्रदेश सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण राज्यमंत्री दानिश आजाद अंसारी का मानना है कि देश में पहली बार नरेंद्र मोदी के रूप में ऐसा प्रधानमंत्री मिला है जो पसमांदा समाज की तरक्की के प्रति संजीदा है। उनका कहना है कि मोदी की पहल से समाज को विकास की नई दिशा मिलेगी, समाज तरक्की से जुड़ेगा।

तीन तलाक भी रहेगा मुद्दा
प्रधानमंत्री के भाषण से साफ हो गया कि आगामी लोकसभा चुनाव में मुस्लिम महिलाओं के वोट बैंक में सेंध लगाने के लिए भाजपा एक बार फिर ट्रिपल तलाक के मुद्दे को हवा देगी। पार्टी मुस्लिम महिलाओं के बीच जाकर बताएगी कि मोदी सरकार की ओर से ट्रिपल तलाक को समाप्त करने से मुस्लिम महिलाओं को अन्याय से मुक्ति मिली है। पार्टी के जानकारों का मानना है कि ट्रिपल तलाक समाप्त करने से मुस्लिम महिलाओं का वोट भाजपा को मिला है। इस मुद्दे को धार देने से आगामी लोकसभा चुनाव में पार्टी को फायदा होगा।

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