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पकड़े गए मुन्ना भाई ने खोला भेद, कोचिंग सेंटरों से परीक्षा पास कराने का होता था खेल, ऐसे करते थे काम

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पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ में यह तो साफ हुआ है कि परीक्षा में बैठने के लिए उन्होंने मोटी रकम ली है, लेकिन यह साफ नहीं हुआ है कि वे किस सॉल्वर गैंग से जुड़े रहे हैं। अभी उन परीक्षार्थियों को भी तलाशा जा रहा है जिनके स्थान पर मुन्नाभाई परीक्षा देते हुए पकड़े गए हैं। फरार आरोपियों को भी तलाश किया जा रहा है।

उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा ग्राम पंचायत अधिकारी एवं ग्राम विकास अधिकारी एवं समाज कल्याण पर्यवेक्षक (सामान्य चयन) प्रतियोगात्मक परीक्षा-2018 की पुनर्परीक्षा में पकड़ में आए नौ मुन्ना भाई कोचिंग सेंटर के जरिए परीक्षा पास कराने के खेल में शामिल थे।

उन्होंने परीक्षा में पास कराने के लिए मोटी रकम बतौर एडवांस में ली थी। पकड़े गए आरोपियों ने पुलिस को पूछताछ में स्वीकारा है कि जिनके स्थान पर वे परीक्षा दे रहे थे। वे उनके रिश्तेदार, मित्र या भतीजे और भाई हैं। जिन्हें परीक्षा में पास कराने के बदले 50-50 हजार रुपये लिए गए थे। इसके लिए आधार कार्ड एवं अन्य दस्तावेजों में फेरबदल की गई थी।

एसपी सिटी कुलदीप सिंह गुनावत ने बताया कि रेडियंट स्टार लोधा में भूपेंद्र के स्थान पर परीक्षा देने आए राजेश, हेमंत के स्थान योगेंद्र उर्फ भूरा कुछ बच्चों को कोचिंग सेंटर पर पढ़ाते थे। जहां से परीक्षा देने एवं उन्हें पास कराने के लिए कोचिंग सेंटर से ठेका दिया गया था। जहां से फर्जी आधार कार्ड बनाकर उनके स्थान पर परीक्षा देने बैठे थे। गांधीपार्क में पालीवाल इंटर कॉलेज में अजीत फिरोजाबाद के स्थान पर अंकित मैनपुरी, परम वर्मा रसूलाबाद फिरोजाबाद के स्थान पर तनुज यादव एत्मादपुर, आगरा, चंपा अग्रवाल इंटर कॉलेज में उमेश फिरोजाबाद की जगह राहुल फिरोजाबाद को परीक्षा देते हुए पकड़ा गया है। एक छात्र फरार हुआ है। परमवीर शिकोहाबाद, फिरोजाबाद की जगह दलवीर निवासी कसेरकलां मांट मथुरा को नौरंगीलाल इंटर कॉलेज सिविल लाइंस में पकड़ा गया है। दूसरी पाली में डीएवी इंटर कॉलेज में संजय फिरोजाबाद की जगह प्रशांत, प्रदीप यादव फरिहा फिरोजाबाद की जगह अनुज निवासी मक्खनपुर फिरोजाबाद, अवनीश मैनपुरी की जगह आलोक कुमार को पकड़ा गया है।

उन्होंने बताया कि पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ में यह तो साफ हुआ है कि परीक्षा में बैठने के लिए उन्होंने मोटी रकम ली है, लेकिन यह साफ नहीं हुआ है कि वे किस सॉल्वर गैंग से जुड़े रहे हैं। अभी उन परीक्षार्थियों को भी तलाशा जा रहा है जिनके स्थान पर मुन्नाभाई परीक्षा देते हुए पकड़े गए हैं। फरार आरोपियों को भी तलाश किया जा रहा है।

ये खुले राज

परीक्षा में असली की जगह नकली परीक्षार्थियों को परीक्षा में शामिल कराकर उन्हें पास कराने के बदले मोटी रकम वसूलते थे। आरोपियों से भारी संख्या में परीक्षाओं से जुड़े नकली प्रवेश पत्र, आधार कार्ड आदि दस्तावेज बरामद हुए हैं।

परीक्षा में शामिल हो रहे थे फर्जी छात्र 
प्रशासनिक अफसरों को नकली परीक्षार्थियों के परीक्षा में शामिल होने की जानकारी मिली थी। शक के आधार पर परीक्षा में शामिल मुन्ना भाईयों को पकड़ा गया। उन्होंने बताया कि परीक्षाओं में परीक्षार्थियों की जगह उनके पेपर साल्व कर उन्हें परीक्षा में पास कराते थे।

एक पेपर के बदले लेते थे मोटी रकम 
पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने स्वीकारा है कि परीक्षा में पास कराने के बदले साल्वर के नाम पर मोटी रकम लेते थे। जिसमें 50 प्रतिशत रकम को पेपर से पहले ही व शेष बची रकम को पेपर में अभ्यार्थी के पास होने पर लेते हैं। कोचिंग सेंटरों के माध्यम से अभ्यर्थियों से बात करते थे और उन्हें पास कराने के लिये उनकी जगह साल्वर भेजकर परीक्षा पास कराते थे।

ऐसे करते थे गड़बड़ी 
मुन्ना भाई मोबाइल फोन के जरिये अभ्यर्थियों के संपर्क में आकर उनके स्थान पर मिलती- जुलती शक्ल वाले व्यक्ति को पेपर साल्वर के रूप में बिठाकर पेपर दिलवाते थे। पेपर साल्वर को अभ्यर्थी की पुरानी फोटो आइडी, जिस पर फोटो धुंधला होता था के अलावा दो-तीन फोटो अलग से देते थे। ताकि साल्वर व अभ्यर्थी के फोटो की सही पहचान न हो सके। परीक्षा केंद्र पर एंट्री के समय प्रवेश पत्र देखकर चेकिंग स्टाफ के टोकने पर साल्वर यह बताता था कि मेरी आइडी पर फोटो साफ नहीं है। मेरे पास पुराना फोटो है और पुराने फोटो दिखाकर इसी आधार पर जुड़े सदस्य साल्वर को परीक्षा केंद्र में प्रवेश कराते थे। एसपी सिटी के अनुसार पुलिस साल्वर गैंग से जुड़े सदस्यों के पूरे नेटवर्क को भेदने में जुटी है। इसमें सर्विलांस व एसओजी टीम की भी मदद ली जा रही है।

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