प्रतिनिधि सभा और सीनेट में पेश विधेयक में शस्त्र निर्यात नियंत्रण अधिनियम के तहत अन्य देशों को सैन्य साजोसामान की बिक्री और निर्यात संबंधी समीक्षा एवं बिक्री प्रक्रिया में तेजी लाकर भारत को अमेरिका के अन्य साझेदार तथा सहयोगी देशों के बराबर लाने का प्रावधान है।
भारत को हथियारों की बिक्री में तेजी लाने संबंधी विधेयक को अमेरिकी कांग्रेस (संसद) के दोनों सदनों में पेश किया गया। सांसदों के एक समूह ने कहा कि अन्य देशों के साथ रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने से उनके साझा हितों की रक्षा होगी।
इसलिए महत्वपूर्ण है यह विधेयक
यह बिल ऐसे समय में पेश किया गया है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और प्रथम महिला जिल बाइडन के निमंत्रण पर अमेरिका की अपनी पहली आधिकारिक राजकीय यात्रा पर हैं। प्रतिनिधि सभा और सीनेट में पेश विधेयक में शस्त्र निर्यात नियंत्रण अधिनियम के तहत अन्य देशों को सैन्य साजोसामान की बिक्री और निर्यात संबंधी समीक्षा एवं बिक्री प्रक्रिया में तेजी लाकर भारत को अमेरिका के अन्य साझेदार तथा सहयोगी देशों के बराबर लाने का प्रावधान है।
प्रतिनिधि सभा में विधेयक को सांसद माइक वाल्ट्ज, रो खन्ना, राजा कृष्णमूर्ति, एंडी बार, मार्क वीसे और सीनेट में इसे सांसद मार्क वार्नर और जॉन कोर्निन ने पेश किया। वॉल्ट्ज ने कहा कि अमेरिका और भारत हमारे साझा राष्ट्रीय सुरक्षा हितों और लोकतांत्रिक मूल्यों से जुड़े हुए हैं। इसलिए यह विधेयक काफी महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि हमारी सेनाएं संयुक्त सैन्य अभ्यास करना जारी रखे हैं और चतुर्भुज सुरक्षा वार्ता के माध्यम से समन्वय करती हैं, सैन्य बिक्री को सुव्यवस्थित करने से हमारे दोनों देशों को भारत-प्रशांत क्षेत्र में सुरक्षा मजबूत करने में मदद मिलेगी।
भारत को खास मान्यता
एंडी बार ने कहा कि सैन्य बिक्री को लेकर लालफीताशाही हटाकर हम भारत को प्रमुख भागीदार के रूप में मान्यता दे रहे हैं। अमेरिका और भारत मिलकर हमारे साझा राष्ट्रीय सुरक्षा हितों की रक्षा करना और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में स्थिरता को बढ़ावा देना जारी रखेंगे।