बिपरजॉय ने राज्य में कच्छ और सौराष्ट्र क्षेत्र के आठ जिलों को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाया है। हालांकि, पूर्व चेतावनी सिस्टम और पुख्ता तैयारियों ने किसी तरह की जनहानि नहीं होने दी। समय रहते एक लाख से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया था। बहरहाल, अधिकारियों का कहना है कि जनहानि न होना सबसे बड़ी बात है।
दक्षिण-पूर्व अरब सागर से उठा चक्रवाती तूफान एक दिन पहले गुजरात के तट से टकराने के बाद शुक्रवार को आगे तो बढ़ गया, लेकिन पीछे तबाही का मंजर छोड़ गया। नुकसान का आकलन अभी मुश्किल है, लेकिन हर तरफ टूटे घर, उखड़े बिजली के खंभे हालात बयां कर रहे हैं। करीब छह सौ पेड़ सड़कों पर गिर गए जिन्हें हटाया जा रहा है। कच्छ और सौराष्ट्र क्षेत्र में शुक्रवार को मूसलाधार बारिश हुई।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने आज तड़के बताया कि गुजरात के तटीय क्षेत्रों में दस्तक देने के बाद चक्रवात ‘बिपरजॉय’ कमजोर होकर गहरे दबाव में बदल गया है। इसके अगले 12 घंटों में ‘दबाव’ में बदलने की आशंका है। आईएमडी के अनुसार, चक्रवाती तूफान दक्षिण पूर्व पाकिस्तान के ऊपर शुक्रवार रात 11:30 बजे ‘डीप डिप्रेशन’ में कमजोर हो गया। आईएमडी ने एक ट्वीट में कहा, चक्रवाती तूफान बिपारजॉय शुक्रवार रात 23:30 बजे दक्षिण-पश्चिम राजस्थान से सटे दक्षिण-पूर्व पाकिस्तान और धोलावीरा से लगभग 100 किमी उत्तर-पूर्व में कच्छ के ऊपर एक गहरे दबाव में कमजोर हो गया। अगले 12 घंटों के दौरान और कमजोर होकर डिप्रेशन में बदल जाएगा।
बिपरजॉय ने राज्य में कच्छ और सौराष्ट्र क्षेत्र के आठ जिलों को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाया है। हालांकि, पूर्व चेतावनी सिस्टम और पुख्ता तैयारियों ने किसी तरह की जनहानि नहीं होने दी। समय रहते एक लाख से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया था। बहरहाल, अधिकारियों का कहना है कि जनहानि न होना सबसे बड़ी बात है।