गुरुग्राम के बिलासपुर स्थित जन औषधि के वेयर हाउस पर सीईओ ने बताया कि देश में गुरुग्राम, चैन्ने, गुवाहाटी और सूरत में चार वेयर हाउस हैं, जहां से 36 डिस्ट्रीब्यूटर देश भर में दवाओं की आपूर्ति कर रहे हैं।
देश में गैर संचारी बीमारियों का बोझ किस तरह बढ़ रहा है। इसका ताजा उदाहरण प्रधानमंत्री जन औषधि परियोजना के आंकड़े हैं जिसके तहत पेट गैस की परेशानी से ग्रस्त मरीजों के लिए सरकार एक करोड़ जेनरिक गोलियां हर महीने बेच रही है। परियोजना के सीईओ रवि दधीचि ने बताया कि सबसे ज्यादा जिन दवाओं की बिक्री हो रही है, उनमें पैंटोप्राजोल 40 एमजी दवा है। इसके एक महीने में सर्वाधिक करीब 10.86 लाख पत्ते की बिक्री देश भर के जन औषधि केंद्रों पर हो रही है। एक पत्ता 10 गोली का है। इसके बाद मधुमेह और रक्तचाप के मरीजों से जुड़ी दवाएं सबसे ज्यादा बिक रही हैं। कुल मिलाकर एक तिहाई (34 फीसदी) दवाओं की बिक्री मधुमेह, रक्तचाप और पेट गैस से जुड़े रोगियों के लिए हो रही है। गैस रोगियों के लिए 10 गोलियों वाली पैंटोप्राजोल 40 एमजी का एक पत्ता 22 रुपये में मिलता है। इसी तरह रक्तचाप के लिए टेल्मिसर्टन की 10 गोलियों का एक पत्ता 12 रुपये में मिलता है। दिल के रोगियों के लिए एम्लोडिपीन का एक पत्ता 5.50 रुपये में मिलता है। यह तीनों गोलियां जन औषधि केंद्रों पर सबसे ज्यादा बिक रही हैं। एक महीने में 29 लाख पत्ते यानी 2.90 करोड़ गोलियां बिक रही हैं।