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पूर्वोत्तर का पहला एयरलाइन उड़ान भरने के लिए तैयार, डीजीसीए से मिली सभी नियामकीय मंजूरी

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जेटविंग्स एयरवेज ने आज कहा कि उसे सरकार की क्षेत्रीय संपर्क योजना के तहत भारत में अनुसूचित कम्यूटर एयर ट्रांसपोर्ट सेवाओं के परिचालन के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) मिल गया है। गुवाहाटी में अपने बेस के साथ एयरलाइन ने शुरुआत में पूर्वोत्तर और पूर्वी क्षेत्रों में कई गंतव्यों के लिए उड़ान योजना के तहत यात्रियों को क्षेत्रीय कनेक्टिविटी प्रदान करने की योजना बनाई है।

नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) से सभी आवश्यक नियामकीय मंजूरियां और एयर ऑपरेटर सर्टिफिकेट (एओसी) प्राप्त करने के बाद जेटविंग्स एयरवेज ने प्रीमियम किफायती सेवाओं की पेशकश करने के लिए टर्बोफैन और टर्बो-प्रोपेल्ड सहित आधुनिक विमानों का बेड़ा पेश करने की योजना बनाई है।

उड़ान संचालन के लिए मंजूरी मिलने के बाद जेटविंग्स एयरवेज देश में परिचालन करने वाली पूर्वोत्तर क्षेत्र की पहली एयरलाइन बन जाएगी। जेटविंग्स एयरलाइंस के सह-संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी संजय आदित्य सिंह ने कहा, “एक बार जब हमें एओसी मिल जाता है, तो हमारा दृढ़ विश्वास है कि हम  पूर्वोत्तर भारत में गहराई से जड़ें जमाने के साथ एक विश्वसनीय और टिकाऊ एयरलाइन सेवाएं उपलब्ध करवा सकेंगे।”

जेटविंग्स एयरवेज के चेयरमैन संजीव नारायण ने कहा कि क्षेत्रीय संपर्क में सुधार के सरकार के प्रयासों ने आर्थिक विकास को बढ़ावा देने और पर्यटन क्षेत्र को बढ़ाने के साथ-साथ कुछ क्षेत्रों के लिए व्यापार में काफी वृद्धि की है। 

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