एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) के आंकड़ों के मुताबिक, नवंबर में 2,258 करोड़ रुपये का निवेश आया था। अप्रैल में भी इसमें गिरावट आई थी। हालांकि, यह लगातार 27वां महीना है, जब इक्विटी फंडों में निवेश आया है।
शेयर बाजारों में उतार-चढ़ाव और मुनाफा वसूली के कारण मई में इक्विटी म्यूचुअल फंडों में निवेश आधा घटकर 3,240 करोड़ रुपये रह गया है। यह 6 महीने के निचले स्तर पर पहुंच गया है। एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) के आंकड़ों के मुताबिक, नवंबर में 2,258 करोड़ रुपये का निवेश आया था। अप्रैल में भी इसमें गिरावट आई थी। हालांकि, यह लगातार 27वां महीना है, जब इक्विटी फंडों में निवेश आया है।
निवेशकों ने स्मॉल कैप और मिड कैप में निवेश किया है। कुल 42 म्यूचुअल फंड कंपनियों को मई में डेट साधनों में 57,420 करोड़ रुपये निवेश मिला है। इससे पहले अप्रैल में यह शुद्ध रूप से 1.21 लाख करोड़ रुपये था। म्यूचुअल फंड उद्योग का एसेट अंडर मैनेजमेंट (एयूएम) इस दौरान 43.2 लाख करोड़ रुपये रहा है। अप्रैल में यह 41.62 लाख करोड़ रुपये था। मई में सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) का निवेश फिर से 14 हजार करोड़ के ऊपर 14,749 करोड़ रुपये हो गया है। अप्रैल में यह घटकर 13,728 करोड़ रुपये पर चला गया था। पूरे उद्योग में केवल हाइब्रिड सेगमेंट ऐसा रहा है, जिसमें मई में निवेश बढ़ा है।
वहीं, देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) चालू वित्त वर्ष में डेट संसाधनों से 50,000 करोड़ रुपये जुटाएगा। यह रकम घरेलू और विदेशी बाजारों से जुटाई जाएगी। बैंक के केंद्रीय बोर्ड ने इसका फैसला किया है।
बैंक ने कहा, वह डेट के कई संसाधनों से इस रकम को जुटाएगा। मार्च तिमाही में बैंक को 18,094 करोड़ का फायदा हुआ था।