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यूक्रेन में बांध टूटने के बाद आई बाढ़ में 1800 घर डूबे, 1500 लोगों को बचाया

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रूसी सुरक्षा परिषद के सचिव निकोलाई पेत्रुशेव ने बुधवार को कहा कि अमेरिका, ब्रिटेन और उसके नाटो सहयोगियों को कखोव्का बांध को उड़ाने की जिम्मेदारी लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इन देशों ने यूक्रेन को बमबारी की सहमति दी थी।

दक्षिणी यूक्रेन में एक प्रमुख पनबिजली बांध (कखोव्का) के ढह जाने के बाद सैकड़ों लोगों को एक बड़े आपातकालीन ऑपरेशन के तहत अपने घरों से पलायन के लिए मजबूर होना पड़ा है। निप्रो के किनारे 1,800 से अधिक घरों में पानी भर गया है और लगभग 1,500 लोगों को निकाला गया है।उधर, क्षेत्र में तोपों और गोलाबारी की आवाजें भी आती रहीं। अधिकारियों ने कहा, अगले 20 घंटों में जलस्तर के एक मीटर और बढ़ने की आशंका है, जो निप्रो के किनारे और अधिक निचले इलाकों को अपनी चपेट में ले लेगा। कई स्थानीय लोगों ने डर के कारण में छतों पर रात बिताई। उन्हें बसों और ट्रेनों से जरूरी सामानों के साथ बाहर निकालने के प्रयास किए गए। यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोदिमीर जेलेंस्की ने नोवा कखोव्का बांध के ढहने को सामूहिक विनाश का पर्यावरणीय बम करार दिया है। इससे 80 कस्बों और गांवों में बाढ़ का खतरा पैदा हो गया है। जेलेंस्की ने इसके लिए रूस को दोषी ठहराया।

पुतिन के सहयोगी ने हमले के लिए नाटो को ठहराया जिम्मेदार
रूसी सुरक्षा परिषद के सचिव निकोलाई पेत्रुशेव ने बुधवार को कहा कि अमेरिका, ब्रिटेन और उसके नाटो सहयोगियों को कखोव्का बांध को उड़ाने की जिम्मेदारी लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इन देशों ने यूक्रेन को बमबारी की सहमति दी थी। बांध टूटने से यूक्रेन के दक्षिणी खेरसॉन का बड़ा हिस्सा जलमग्न हो गया। दोनों देश एक-दूसरे पर बांध को नष्ट करने का आरोप लगा रहे हैं।

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