सार
ज्ञानवापी मामले में दोपहर दो बजे के बाद कभी भी फैसला आ सकता है। कोर्ट रूम में केस से संबंधित 8-9 लोग ही मौजूद हैं।सिविल जज सीनियर डिवीजन रवि कुमार दिवाकर यह फैसला सुनाएंगे।
ज्ञानवापी परिसर में कमीशन की कार्यवाही कर रहे एडवोकेट कमिश्नर को बदलने की अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी की मांग व तहखाने की वीडियोग्राफी कराने की वादी पक्ष की अपील पर बुधवार को सिविल जज (सीनियर डिवीजन) रवि कुमार दिवाकर की अदालत में बहस पूरी हो गई थी। आज सुबह से कचहरी में गहमागहमी का माहौल बना है। सभी पक्षों के अधिवक्ता और पक्षकार न्यायालय के बाहर डटे हैं।
वादी पक्ष की ओर से ज्ञानवापी मस्जिद की बैरिकेडिंग के अंदर तहखाने समेत अन्य उल्लिखित स्थलों का निरीक्षण करने का स्पष्ट आदेश देने की अपील की गई है। वहीं, प्रतिवादी अंजुमन इंतजामिया मसाजिद एडवोकेट कमिश्नर को बदलने की मांग कर रहा है। इस मामले में दोपहर दो बजे के बाद कभी भी फैसला आ सकता है।
यहां बता दें कि श्रृंगार गौरी के रोजाना दर्शन पूजन की मांग को लेकर पांच महिलाओं की ओर से दायर वाद पर बीते आठ अप्रैल को अदालत ने अजय कुमार मिश्र को एडवोकेट कमिश्नर नियुक्त करते हुए ज्ञानवापी परिसर का सर्वेक्षण कर दस मई तक अदालत में रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश दिया था।
छह मई को कमीशन की कार्यवाही शुरू तो हुई लेकिन पूरी नहीं हो सकी। सात मई को अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी ने अदालत में प्रार्थना पत्र देकर एडवोकेट कमिश्नर बदलने की मांग कर दी। इस प्रार्थना पत्र पर तीन दिनों से अदालत में सुनवाई चल रही है। आज चौथे दिन फैसले की उम्मीद में लोग न्यायालय में पहुंच गए हैं।
आपत्ति का किया जोरदार विरोध
जिला शासकीय अधिवक्ता सिविल महेंद्र प्रसाद पांडेय ने कहा कि सरकार व जिला प्रशासन अदालत के आदेश का अनुपालन कराने को तैयार हैं। कमीशन कार्यवाही शुरू होने के बाद सर्वे कमिश्नर को बदलने की मांग का विरोध किया। वादी पक्ष की तरफ से सुधीर त्रिपाठी, सुभाषनंदन चतुर्वेदी, शिवम गौड़, अनुपम द्विवेदी, मदनमोहन ने अंजुमन इंतजामिया की आपत्ति का जोरदार विरोध किया।
उन्होंने कहा कि यह कमीशन की कार्यवाही रोकने का प्रयास है। पहले कमीशन की रिपोर्ट कोर्ट में आए फिर उस पर आपत्ति की जा सकती है या दूसरे सर्वे कमीशन की मांग की जा सकती है। सुनवाई के दौरान नियुक्त सर्वे कमिश्नर अजय मिश्र, वादिनीगण, जितेंद्र सिंह बिशेन के अलावा सुरक्षाकर्मी मौजूद रहे।