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आईटी हार्डवेयर को 17000 करोड़ का प्रोत्साहन, मिलेंगे 75000 रोजगार, मोदी कैबिनेट ने दी मंजूरी

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सूचना प्रौद्योगिकी एवं दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल ने 17,000 करोड़ रुपये के बजटीय खर्च के साथ आईटी हार्डवेयर के लिए पीएलआई 2.0 को मंजूरी दे दी।

सरकार ने बुधवार को आईटी हार्डवेयर क्षेत्र के लिए कुल 17,000 करोड़ रुपये की उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजना (पीएलआई) 2.0 को मंजूरी दे दी। इस प्रोत्साहन योजना से 3.35 लाख करोड़ रुपये का उत्पादन और 2,430 करोड़ रुपये का निवेश होने का अनुमान है। इससे 75,000 लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार मिलने की उम्मीद है।पीएलआई 2.0 के तहत लैपटॉप, टैबलेट व सभी उपकरणों से लैस पर्सनल कंप्यूटर (ऑल इन वन पीसी) सर्वर आदि आएंगे। सूचना प्रौद्योगिकी एवं दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल ने 17,000 करोड़ रुपये के बजटीय खर्च के साथ आईटी हार्डवेयर के लिए पीएलआई 2.0 को मंजूरी दे दी। इसकी अवधि छह साल होगी।इसके तहत कंपनियों के 5 फीसदी तक प्रोत्साहन मिलेगा। देश में बने पुर्जों के साथ उत्पादन करने पर अलग से भी 4 फीसदी प्रोत्साहन दिया जाएगा। इससे पहले सरकार ने फरवरी, 2021 में 7,350 करोड़ के खर्च के साथ आईटी हार्डवेयर के लिए पहली पीएलआई योजना को मंजूरी दी थी। इस पर क्षेत्र से जुड़ी कंपनियों ने सरकार से बजटीय खर्च बढ़ाने की अपील की थी। इसके बाद ही सरकार ने पीएलआई 2.0 के तहत खर्च बढ़ाने की घोषणा की है। एजेंसी

इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण देश के रूप में उभर रहा भारत
भारत एक इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण देश के रूप में उभर रहा है। इस क्षेत्र से जुड़ीं दुनियाभर की कंपनियां भारत आ रही हैं। मोबाइल फोन के लिए पीएलआई योजना की सफलता को देखते हुए आईटी हार्डवेयर के लिए पीएलआई 2.0 को मंजूरी दी गई है।

-अश्विनी वैष्णव, सूचना प्रौद्योगिकी एवं दूरसंचार मंत्री

भारत दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल निर्माता
देश में मोबाइल फोन उत्पादन बढ़ाने के लिए सरकार ने पहली बार अप्रैल, 2020 में पीएलआई योजना की शुरुआत की थी। इससे इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण क्षेत्र को बड़े पैमाने पर बढ़ावा मिला है।

  • भारत आज दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल फोन निर्माता है। इसमें पीएलआई योजना का बड़ा योगदान है।
  • विदेशी बाजारों में मांग के कारण मार्च, 2023 में मोबाइल फोन का निर्यात 11 अरब डॉलर (करीब 90,000 करोड़ रुपये) के स्तर पर पहुंच गया।

3.35 लाख करोड़ रुपये का होगा उत्पादन
2,430 करोड़ के निवेश का अनुमान

देश के लिए इसलिए अहम है पीएलआई योजना 2.0

  • इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण क्षेत्र में नया निवेश आएगा। विदेशी कंपनियां भारत आएंगी।
  • भारत आईटी हार्डवेयर के उत्पादन में दुनिया की अगुवाई कर सकेगा।
  • योजना से निर्यात बढ़ाने में मदद मिलेगी।
  • भारत की आयात पर निर्भरता घटेगी।
  • प्रत्यक्ष रोजगार के अलावा अतिरिक्त दो लाख लोगों को नौकरियां मिल सकेंगी।

इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण क्षेत्र में 105 अरब डॉलर का उत्पादन
सूचना प्रौद्योगिकी एवं दूरसंचार मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार के केंद्र की सत्ता में आने के बाद इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण क्षेत्र पर अधिक ध्यान दिया गया है। इससे देश का इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण क्षेत्र पिछले आठ साल से लगातार सालाना 17 फीसदी की चक्रवृद्धि दर से बढ़ रहा है। इस अवधि में उत्पादन बढ़कर 105 अरब डॉलर (करीब 9 लाख करोड़ रुपये) के उच्च स्तर पर पहुंच गया है।

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