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धोखाधड़ी व एनपीए रोकने के लिए हाउसिंग फाइनेंस कंपनियां करें उपाय

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एनएचबी के मुताबिक, यह निर्णय लिया गया है कि एचएफसी को ईडब्ल्यूएस फ्रेमवर्क को अपनाया जाना चाहिए। इससे किसी भी खाते को एनपीए बनने से पहले पता चल जाएगा।

हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों (एचएफसी) के नियामक नेशनल हाउसिंग बैंक (एनएचबी) ने 1,000 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति वाली कंपनियों को वित्तीय धोखाधड़ी की जांच करने और खातों को गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों (एनपीए) में बदलने से रोकने के लिए उपाय करने को कहा है। इसके लिए कंपनियों को एक अप्रैल, 2024 से प्रारंभिक चेतावनी संकेत (ईडब्ल्यूएस) ढांचा अपनाना हएनएचबी ने हाल में जारी एक सर्कुलर में कहा है कि हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों (एचएफसी) की धोखाधड़ी के विश्लेषण से पता चला है कि ज्यादातर धोखाधड़ी के कारणों में नकली आय/रोजगार दस्तावेज पेश करना, फर्जी टाइटल डीड जमा करना और बिल्डर एवं कर्जदार की मिलीभगत शामिल होती है। यह भी देखा गया है कि इस तरह की कमियों की पहचान तभी की जाती है जब कर्जदार कर्ज लेकर किस्त का भुगतान बंद कर देता है।

एनएचबी के मुताबिक, यह निर्णय लिया गया है कि एचएफसी को ईडब्ल्यूएस फ्रेमवर्क को अपनाया जाना चाहिए। इससे किसी भी खाते को एनपीए बनने से पहले पता चल जाएगा। सर्कुलर में आगे कहा गया है कि ईडब्ल्यूएस की ट्रैकिंग को एचएफसी के सिस्टम में क्रेडिट निगरानी प्रक्रिया के साथ एकीकृत किया जाना चाहिए ताकि यह हमेशा की गतिविधि बन जाए।

एनएफओ से जुटाई रकम 42 फीसदी घटी
सेबी के लगाए गए प्रतिबंधों की वजह से वित्त वर्ष 2022-23 में म्यूचुअल फंड के नए फंड ऑफर (एनएफओ) से जुटाई गई रकम 42 फीसदी गिरकर 62,342 करोड़ रुपये रह गई है। 2021-22 में एनएफओ से कुल 1.08 लाख करोड़ रुपये की रकम जुटाई गई थी। आंकड़ों के मुताबिक, वित्त वर्ष 2022-23 में कुल 253 एनएफओ लॉन्च किए गए थे जबकि 2021-22 में 176 एनएफओ पेश किए गए थे।

चालू वित्त वर्ष में अब तक 12 एनएफओ पेश
2020-21 में 84 नई योजनाओं से 42,038 करोड़ जुटाए गए थे। चालू वित्त वर्ष में अब तक 12 एनएफओ पेश हुए हैं। 2022-23 में पैसिव और फिक्स्ड इनकम कैटेगरी में ज्यादा फंड लॉन्च हुए थे।

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