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आईएसआई एजेंट मिला ना लश्कर का हैंडलर, राज ही रह गया अतीक का आतंकी कनेक्शन, पाक कारतूस.

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अतीक को कस्टडी रिमांड में लेने के लिए धूमनगंज इंस्पेक्टर राजेश कुमार मौर्य की ओर से जो अर्जी दी गई थी, उसमें बेहद चौंकाने वाले खुलासे थे। विवेचक ने दावा किया था कि अतीक ने अपने बयान में यह खुलासा किया है कि उसके संबंध पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई और लश्कर से हैं।

अतीक अहमद के साथ ही उसके आतंकी कनेक्शन का राज भी दफन हो गया। कम से कम पुलिस की कार्रवाई को देखकर तो ऐसा ही लग रहा है। महीना बीत गया, लेकिन अब तक ना ही आईएसआई एजेंट का पता चला और ना ही लश्कर का हैंडलर, जिसके जरिए अतीक हथियार मंगाता था। यहां तक कि अतीक के कब्जे से बरामद पाकिस्तान निर्मित कारतूसों का राज भी अब तक नहीं खुल सका है।अतीक को कस्टडी रिमांड में लेने के लिए धूमनगंज इंस्पेक्टर राजेश कुमार मौर्य की ओर से जो अर्जी दी गई थी, उसमें बेहद चौंकाने वाले खुलासे थे। विवेचक ने दावा किया था कि अतीक ने अपने बयान में यह खुलासा किया है कि उसके संबंध पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई और लश्कर से हैं।

पाकिस्तान से पंजाब सीमा पर ड्रोन से हथियार गिराए जाते हैं। जिसे वह एक स्थानीय एजेंट की मदद से अपने पास मंगवाता है। विवेचक ने यह भी दावा किया था कि अतीक ने कुबूल किया है कि उमेश पाल हत्याकांड की साजिश के बारे में बातें करते वक्त उसने अपने पाकिस्तान कनेक्शन की जानकारी शाइस्ता परवीन को भी दी थी।

मामला तब और संगीन हो गया जब हत्या से कुछ देर पहले ही धूमनगंज पुलिस ने अतीक व अशरफ की मदद से असलहे व पांच पाकिस्तान निर्मित कारतूस कसारी मसारी स्थित खंडहर से बरामद किए। इससे पहले उप्र आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) की टीम ने भी धूमनगंज थाने पहुंचकर इस मामले में अतीक से पूछताछ की थी।हालांकि अतीक की हत्या के साथ ही उसके पाक कनेक्शन का राज भी दफन होता दिख रहा है। धूमनगंज पुलिस इस मामले में अब तक एक कदम भी आगे नहीं बढ़ सकी है। पुलिस पंजाब के उस स्थानीय एजेंट के बारे में पता नहीं लगा पाई है जिसके जरिए पाकिस्तानी ड्रोन से गिराए हथियार अतीक तक सप्लाई किए जाते थे।

जम्मू में दहशतगर्दी फैलाने के लिए भी होता है इस्तेमाल
पाकिस्तानी ड्रोन से गिराए असलहों का मामला सिर्फ अतीक से ही नहीं जुड़ा था। विवेचक ने अपनी रिपोर्ट में यह भी दावा किया था कि अतीक ने अपने बयान में कहा है कि पंजाब में रहने वाले जिस स्थानीय कनेक्शन के जरिए वह हथियार मंगाता था, वह जम्मू में दहशतगर्दी फैलाने वाले संगठनों को भी हथियार देता है।
जानकारों का कहना है कि मामला देश की आंतरिक सुरक्षा से जुड़ा था, ऐसे में इस मामले की गंभीरता से जांच होनी चाहिए। देश में पाकिस्तानी हथियारों की सप्लाई में कौन लोग शामिल हैं, उन तक पहुंचा जाता तो एक बड़े नेटवर्क का खुलासा होता। लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
सौलत से भी नहीं पूछे सवाल
इस मामले में एक और सवाल उठ रहा है। उमेश पाल अपहरण कांड में उम्रकैद की सजा काट रहा खान सौलत हनीफ अतीक का सबसे बड़ा राजदार माना जाता है। लेनदेन से लेकर अतीक के कानूनी मसलों व यहां तक कई बार पारिवारिक मामलों में भी उसकी राय ली जाती थी।
सूत्रों का कहना है कि इसके बावजूद पुलिस ने दो बार कस्टडी रिमांड में लेने के बावजूद उससे इस संबंध में कोई सवाल नहीं पूछा। जानकारों का कहना है पूछताछ होती तो कम से कम इस बात का खुलासा तो होता ही कि अतीक पंजाब से प्रयागराज तक पाकिस्तानी हथियार किसके मार्फत और कैसे मंगवाता था।

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