Motivational Dohe In Hindi: सुबह का समय बहुत ही शक्तिशाली माना जाता है। घर के बड़े बुजुर्गों द्वारा भी इस समय हमेशा ऐसे कार्य करने की सलाह दी जाती है, जिनसे आपको दिन भर सकारात्मक ऊर्जा मिले। यदि आप अपने दिन की शुरुआत सकारात्मक सोच के साथ करते हैं तो पूरा दिन अच्छा बीतता है। यही वजह है कि दिन को बेहतर बनाने के लिए ज्यादातर लोग सुबह उठते ही सबसे पहले ईश्वर का नाम लेते हैं। वहीं कुछ लोग सकारात्मक विचारों के साथ दिन की शुरुआत करते हैं। आज हम आपके लिए कुछ सकारात्मक दोहे लेकर आए हैं जो आपका दिन बना देंगे। तो चलिए पढ़ते हैं कुछ बेहतरीन दोहे और उनका अर्थ…
जिन खोजा तिन पाइया, गहरे पानी पैठ,
मैं बपुरा बूडन डरा, रहा किनारे बैठ।
-कबीर
अर्थ – जो प्रयास करते हैं, वे कुछ न कुछ वैसे ही पा ही लेते हैं, जैसे कोई मेहनत करने वाला गोताखोर गहरे पानी में जाता है और कुछ लेकर ही आता है। लेकिन कुछ बेचारे लोग ऐसे भी होते हैं जो डूबने के भय से किनारे पर ही बैठे रह जाते हैं और कुछ नहीं पाते।
ते दिन गए अकारथ ही, संगत भई न संग
प्रेम बिना पशु जीवन, भक्ति बिना भगवंत
-कबीर
अर्थ – जिसने कभी अच्छे लोगों की संगति नहीं की और न ही कोई अच्छा काम किया, उसकी जिंदगी का सारा समय बेकार हो गया। जिसके मन में दूसरों के लिए प्रेम नहीं है, वह इंसान पशु के समान है और जिसके मन में सच्ची भक्ति नहीं है उसके ह्रदय में कभी अच्छाई या ईश्वर का वास नहीं होता।
खैर, खून, खांसी, खुसी, बैर, प्रीति, मदपान।
रहिमन दाबे न दबै, जानत सकल जहान॥
-रहीमदास
अर्थ – सात बातें ऐसी हैं जो किसी की लाख कोशिशों के बावजूद भी छुपी नहीं रह पाती। ये सात बातें हैं खैर मतलब सेहत, खून मतलब कत्ल, खांसी, खुशी, बैर यानी दुश्मनी, प्रीति यानी प्रेम और मदपान मतलब शराब का नशा। इन बातों को आप लाख कोशिश कर लें कि जाहिर नहीं होने देंगे, लेकिन ये अचानक जाहिर हो जाती हैं।
चिंता ऐसी डाकिनी, काट कलेजा खाए
वैद बिचारा क्या करे, कहां तक दवा लगाए
-कबीर
अर्थ- चिंता ऐसी खतरनाक बीमारी है जो कलेजे को खा जाती है और इस दर्द की दवा किसी भी चिकित्सक के पास नहीं होती।
माया मरी न मन मरा, मर-मर गए शरीर
आशा, तृष्णा ना मरी, कह गए दास कबीर
-कबीर
अर्थ- शरीर का अंत हो जाए तो हो जाए लेकिन इच्छाएं कभी नहीं मरतीं और दिल कभी नहीं भरता। उम्मीद और किसी चीज की चाहत हमेशा जीवित रहती है।