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शुरू हो गया है ज्येष्ठ माह, इन कामों को करने में बरतें सावधानी अन्यथा पड़ सकता है पछताना

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इस माह में भगवान बजरंगबली की पूजा करने का विधान है। ज्येष्ठ मास भगवान विष्णु के प्रिय मास में से एक है। इस माह लोगों को बहुत से कार्य करने से मना किए गए हैं।

Jyeshtha Month 2023 Importance : आज यानी 6 मई से ज्येष्ठ माह आरम्भ हो गया है। हिंदी पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ माह को तीसरा महीना माना जाता है। इस माह में जहां सूर्य का प्रकोप काफी बढ़ जाता है। वहीं इस माह में सूर्य देव और वरुण देव की पूजा करने का विशेष लाभ मिलता है। शास्त्रों में ज्येष्ठ मास का काफी अधिक महत्व है। क्योंकि इन माह में सबसे बड़े दिन होते हैं। मान्यता है की इसी माह में भगवान श्री राम की भेंट उनके परमभक्त हनुमान जी से हुई थी। इसी कारण इस माह में भगवान बजरंगबली की पूजा करने का विधान है। ज्येष्ठ मास भगवान विष्णु के प्रिय मास में से एक है। इस माह लोगों को बहुत से कार्य करने से मना किए गए हैं। इसलिए जेष्ठ माह में वर्जित कार्य नहीं करने चाहिए इससे माता लक्ष्मी नाराज हो सकती हैं। आइए जानते हैं ऐसे कौन से कार्य हैं जिन्हें भूलकर भी ज्येष्ठ माह में करने से बचना चाहिए।ज्येष्ठ माह में इन कामों करने से बचें 

    •  पंचांग के अनुसार जेठ महीने में दिन में न सोएं अन्यथा आप काफी रोगों से ग्रसित हो सकते हैं।
    •  ज्येष्ठ के महीने मसालेदार भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए और प्रयास करें दिन में  एक बार भोजन करें ।
    • लहसुन, राई के अलावा गर्म चीजों का सेवन न करें।
    • ज्येष्ठ के महीने में बैंगन का सेवन करने से बचना चाहिए। क्योंकि इसका सेवन करने से संतान के लिए शुभ नहीं माना जाता है।
  • ज्येष्ठ माह में कभी किसी प्यासे व्यक्ति को बगैर पानी पिलाए नहीं भेजना चाहिए।
  • हिंदू मान्यता के अनुसार इस महीने में परिवार के बड़े पुत्र या फिर पुत्री का विवाह नहीं करना चाहिए।
  •  इस माह जल का सही इस्तेमाल करना चाहिए और बेकार में जल का व्यर्थ करने से बचना चाहिए।

ज्येष्ठ मास का महत्व 
ज्येष्ठ माह को सभी माह में काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। ज्येष्ठ के स्वामी मंगल है और मंगल ग्रह को ज्योतिष शास्त्र में साहस का प्रतीक माना गया है।  ज्येष्ठ मास भगवान विष्णु का प्रिय मास है। इस मास में भगवान विष्णु की पूजा का विशेष महत्व बताया गया है। भगवान विष्णु और उनके चरणों से निकलने वाली मां गंगा और पवनपुत्र हनुमान की पूजा का बहुत ज्यादा महत्व है। ज्येष्ठ मास में पड़ने वाले मंगलवार को बड़ा मंगल या फिर बुढ़वा मंगल के नाम से जाना जाता है।

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