अतीक और अशरफ की मौत के बाद भी उनके भय का आतंक पीडीए अफसरों को सता रहा है। शायद यही वजह है कि ध्वस्तीकरण के नोटिसों की मियाद पूरी होने के बावजूद पांच-पांच लाख इनामिया गुर्गों के विरुद्ध कार्रवाई की हिम्मत नहीं जुटाई जा सकी।
अतीक और अशरफ की मौत के बाद भी उनके भय का आतंक पीडीए अफसरों को सता रहा है। शायद यही वजह है कि ध्वस्तीकरण के नोटिसों की मियाद पूरी होने के बावजूद पांच-पांच लाख इनामिया गुर्गों के विरुद्ध कार्रवाई की हिम्मत नहीं जुटाई जा सकी। आलम यह है कि नोटिस चस्पा किए जाने के बाद से किसी अधिकारी की हिम्मत नहीं पड़ी जो माफिया के गुर्गों की ओर नजर उठा ले।उमेश पाल हत्याकांड के वायरल वीडियो में बैग से बम निकाल-निकाल कर फेंकने वाले गुड्डू मुस्लिम और राइफल से गोली चलाने वाले शाबिर के आशियानों को गिराए जाने के लिए प्रयागराज विकास प्राधिकरण ने नोटिस जारी किया था। पांच-पांच लाख के दोनों इनामियों को पीडीए ने पहले मार्च में नोटिस देकर उनके आशियानों के मानचित्र की वैधता के संबंध में जवाब मांगा था।पंद्रह दिन की अवधि पूरी होने के बाद दोनों की ओर से पीडीए को कोई जवाब नहीं दिया गया। इसके बाद तीन अप्रैल को अगला कदम उठाते हुए पीडीए ने दोनों के घरों के बाहर ध्वस्तीकरण का नोटिसें चस्पा करा दिया। इसमें उन्हें एक और बार पंद्रह दिन का अवसर दिया गया। मगर इस बार भी दोनों की ओर से कोई जवाब नहीं आया।
चुप्पी साधे बैठा है पीडीए, उठ रहे सवाल
एक के बाद एक दोनों नोटिसों की मियाद पूरी हो जाने के बावजूद पीडीए ने अब तक कोई कार्रवाई नहीं की। अतीक और उसके गुर्गों का भय कहें या कुछ और लेकिन पीडीए पूरे मसले पर चुप्पी साधे बैठा है। नोटिस के बावजूद कार्रवाई न किया जाना कार्यपद्धति पर प्रश्नचिन्ह लगा रहा है। मगर पीडीए अधिकारी इस संबंध में कोई जवाब देने को तैयार नहीं हैं। जोनल सचिव अजीत सिंह से इस बारे में बात की गई तो उन्होंने सिर्फ इतना कहा कि शीघ्र ही नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।