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बंदरगाहों पर अटकने से बढ़ सकती है खाद्य तेल की कीमत, एसईए ने कहा- सीमा शुल्क की समस्या सुलझाए केंद्र

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सरकार ने 2022-23 के दौरान शून्य शुल्क पर कच्चे सूरजमुखी और सोयाबीन तेल के आयात के लिए टैरिफ दर कोटा (टीआरक्यू) की अनुमति के साथ शिपमेंट को 20 जून, 2023 तक निकासी की अनुमति दी थी।

बंदरगाहों पर माल अटकने से आने वाले दिनों में घरेलू बाजार में खाद्य तेल की कमी हो सकती है। इससे कीमतों में तेजी का अनुमान है। इसे देखते हुए सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन (एसईए) ने सरकार से अनुरोध किया है कि बंदरगाहों पर अटके माल को तुरंत जारी करे।

देश के कई बंदरगाहों पर सूरजमुखी और सोयाबीन तेल की खेप सीमा शुल्क निकासी के मुद्दों के कारण अटकी है। सरकार ने 2022-23 के दौरान शून्य शुल्क पर कच्चे सूरजमुखी और सोयाबीन तेल के आयात के लिए टैरिफ दर कोटा (टीआरक्यू) की अनुमति के साथ शिपमेंट को 20 जून, 2023 तक निकासी की अनुमति दी थी। बशर्ते ‘बिल ऑफ लैडिंग डेट’ 31 मार्च हो।

इसलिए रूकी है खेप
एसईए के अध्यक्ष अजय झुनझुनवाला ने कहा कि दुर्भाग्य से सीमा शुल्क ‘बिल ऑफ एंट्री’ के लिए जोर दे रहा है और ‘बिल ऑफ लैडिंग डेट’ को स्वीकार नहीं कर रहा है। इसलिए एक अप्रैल, 2023 से बंदरगाहों पर शिपमेंट रोक दिया गया है। इससे तेल की आपूर्ति में कमी हो सकती है और कीमतें बढ़ सकती हैं। एसोसिएशन ने खाद्य और वाणिज्य मंत्रालय से कहा है कि विदेश व्यापार महानिदेशालय के अधिसूचित ‘बिल ऑफ लैडिंग डेट’ के आधार पर इन दो खाद्य तेलों के शिपमेंट की अनुमति दी जाए।

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