एम्स रजिस्ट्रार डॉ. अमित रंजन ने कहा कि यह कार्रवाई अनुशासन समिति ने की है। समिति में एमएमएमयूटी के प्रॉक्टर भी बतौर सदस्य मौजूद रहे। इस कार्रवाई में कोशिश की गई है कि छात्रों का भविष्य बर्बाद न हो।
बताया जाता है कि चारों छात्रों को अलग-अलग सजा दी गई है। इन्हें सात दिन से लेकर एक महीने तक निलंबित कर दिया गया है। उनमें से एक छात्र को हमेशा के लिए हॉस्टल से निष्कासित कर दिया गया है। क्लास के अलावा अन्य समय में उसे कैंपस में घूमने पर रोक लगा दी गई है। शेष तीन छात्रों को 15 दिन से लेकर तीन महीने तक हॉस्टल से बाहर किया गया है। छात्रों ने इस कार्रवाई के खिलाफ कोर्ट जाने का फैसला किया है।
जानकारी के मुताबिक, 28 और 29 मार्च को एम्स गेट खुलने का समय बढ़ाने सहित अन्य मांगों को लेकर छात्रों ने धरना दिया था। उनकी मांग थी कि हॉस्टल को रात 11:30 बजे तक खुला रखा जाए। जबकि, एम्स में रात नौ बजे के बाद हॉस्टल के गेट बंद हो जा रहे थे। इसके बाद छात्रों को देर रात समझा कर हॉस्टल में भेजा गया था। एम्स की ओर से सभी के अभिभावकों को भी पत्र भेजा गया था। एम्स प्रशासन की ओर से कार्रवाई की गई है।
एम्स रजिस्ट्रार डॉ. अमित रंजन ने कहा कि यह कार्रवाई अनुशासन समिति ने की है। समिति में एमएमएमयूटी के प्रॉक्टर भी बतौर सदस्य मौजूद रहे। इस कार्रवाई में कोशिश की गई है कि छात्रों का भविष्य बर्बाद न हो। उनके शैक्षणिक सत्र पर असर न पड़े। इसके साथ ही अनुशासनहीनता पर लगाम लगे।