…आखिर इन बच्चों का क्या कसूर है, इनकी परवरिश अब कौन करेगा। इस तरह के तमाम सवाल शबगा गांव में हुए तिहरे हत्याकांड के बाद ग्रामीणों के जेहन में है। हत्याकांड के दूसरे दिन भी गांव और परिवार में गमगीन माहौल रहा।
उधर, अपने भाइयों व बहन को याद कर सिरसली गांव की सरोज और उसके परिवार के लोगों का रोते हुए बुरा हाल है। घर का चूल्हा ठंडा पड़ा हुआ था। बच्चे भी भूख व प्यास से तड़प रहे थे और रोते-रोते सो जाते थे। आंख खुलने पर पूछते थे कि मम्मी कहां है। उधर, ग्रामीणों का कहना था कि शराब के नशे में युवक ने जो घटना की है, इससे पूरे गांव की बदनामी हो रही है। यह बात पीढ़ियों तक चलेगी।
बागपत के शबगा गांव में हत्याकांड के दूसरे दिन भी सन्नाटा पसरा हुआ था। रात्रि तकरीबन नौ बजे तीनों का अंतिम संस्कार यमुना घाट पर किया गया। भतीजे मनोज ने उन्हें मुखाग्नि दी। गुरुवार की सुबह ही उनकी अस्थियां यमुना में प्रवाहित की गईं।
वहीं, इस हत्याकांड के बाद गांव की गलियां सूनी पड़ी थीं। ग्रामीणों के जेहन में बस यह सवाल था कि अब बच्चों की परवरिश कौन करेगा। इस घटना से पूरा परिवार खत्म हो गया।
बच्चों क्या कसूर है कि उनके सिर से परवरिश का साया ही छिन लिया। गमगीन माहौल में दूसरे दिन भी चूल्हा ठंडा पड़ा रहा। घर में मौजूद आरोपी की बुआ सरोज, बेटी अंजु के अलावा चार मासूम बच्चों में पांच वर्षीय कोमल, चार वर्षीय परी, तीन वर्षीय अमर व दो वर्षीय अंशु भूख-प्यास से तड़प रहे थे।
बताया गया कि कोमल गांव के ही मंगलम शिक्षा निकेतन में नर्सरी में पढ़ती है। सरोज अपने भाइयों व बहन की हत्या को याद कर बार-बार रो रही थी। उधर, बच्चे भी रोकर सो जाते, उठने पर मम्मी कहा है पूछते। बुआ की बेटी अंजु बच्चों को किसी तरह चुप करने का प्रयास करती और खुद रोने लगती।
ब्रजपाल के यहां पर रहे बच्चे, फिर सरोज के पास पहुंचे
ऋषिपाल, श्रीपाल और वीरमति की हत्या करने के बाद पुलिस ने हत्यारोपी अंजुल उर्फ मालू, पत्नी पूजा को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। रातभर बच्चे सरोज पास रहे। गुरुवार की सुबह बच्चे ऋषिपाल के चचेरे भाई ब्रजपाल के मकान पर रहे, लेकिन बाद में सरोज के पास पहुंच गए। बताया जा रहा है कि अब सरोज के कंधे पर ही बच्चों का पालन-पोषण करने की जिम्मेदारी है।
यमुना में दे दिया था धक्का, हो गई थी मौत, नहीं हुई थी पुलिस कार्रवाई, हो गया था समझौता
ग्रामीणों के अनुसार, वर्ष 2009 में हत्यारोपी अंजुल उर्फ मालू ने गांव के ही एक बच्चे को यमुना में धक्का दे दिया था, जिससे उसकी मौत हो गई थी। कई दिनों बाद बच्चे का शव मिला था, लेकिन इसमें कोई पुलिस कार्रवाई नहीं हुई थी, क्योंकि कुछ लोगों ने ही समझौता करा दिया था।