मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के प्रधान सचिव रह चुके आइएएस अधिकारी राजीव अरुण एक्का को ईडी ने दूसरी बार समन भेजा है। अब ईडी ने उन्हें 27 मार्च को ईडी के हिनू स्थित कार्यालय हाजिर होने को कहा है। इससे पहले उन्हें 15 मार्च को हाजिर होने को कहा था, तब आइएएस अधिकारी राजीव अरुण एक्का ने विधानसभा सत्र चलने का हवाला देकर ईडी से समय मांगा था। तब ईडी ने उनके अनुरोध को स्वीकार करते हुए अगली तारीख देने की बात कही थी।
विशाल चौधरी के साथ संबंध ने ईडी के रडार में लाया
ब्लैक मनी और मनी लांड्रिंग के आरोपी विशाल चौधरी के साथ राजीव अरुण एक्का के संबंध की पुष्टि होने के बाद वे ईडी की रडार में आए थे। बीते दिनों भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने एक वीडियो जारी किया था। वीडियो जारी करते हुए उन्होंने कहा था कि सत्ता के करीबी विशाल चौधरी के घर में बैठकर राजीव अरुण एक्का सरकारी फाइलें निपटाते हैं। इस वीडियोके जारी करने के बाद भाजपा के नेताओं ने राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन व ईडी के अधिकारियों से मिलकर वीडियो क्लिप सौंपते हुए जांच करने की मांग रखी थी। ईडी ने भी अपनी जांच में विशाल चौधरी और राजीव अरुण एक्का के बीच गहरे संबंध होने की जानकारी इकट्ठा की थी।
राजीव अरुण एक्का के बहनोई के यहां भी हुई थी तलाशी
बीते साल ईडी की कार्रवाई के दौरान 24 मई को विशाल चौधरी के अशोक नगर रोड नंबर छह स्थित आवास में छापेमारी की थी। इस घर में तलाशी लेने के साथ-साथ ईडी ने आइएएस अधिकारी राजीव अरुण एक्का के बहनोई निशिथ केशरी के ठिकानों पर भी तलाशी ली थी। मिली जानकारी के अनुसार 24 मई को जब ईडी विशाल चौधरी के अरगोड़ा अशोक नगर रोड नंबर छह स्थित आवास में जब छापेमारी करने पहुंची थी, तब उसने गेट खोलने से पहले अपना आइफोन कचरे में फेंक दिया था। ईडी ने उक्त मोबाइल को जब्त किया था। विशाल चौधरी के डिजिटल साक्ष्य के विश्लेषण में ही ईडी को यह सबूत मिला है कि तत्कालीन गृह सचिव सह मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का का विशाल चौधरी से घनिष्ठ संबंध था।
जांच के लिए सरकार ने बनाया न्यायिक आयोग
राजीव अरुण एक्का पर लगे आरोपों की जांच के लिए राज्य सरकार ने एक सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग का गठन किया है। इस मामले के जांच की जिम्मेदारी झारखंड हाई कोर्ट से सेवानिवृत्त मुख्य न्यायाधीश विनोद कुमार गुप्ता को मिली है। इस जांच आयोग की रिपोर्ट आने के बाद राज्य सरकार आगे की कोई कार्रवाई करेगी। सरकार ने इस जांच आयोग को छह माह में रिपोर्ट देने को कहा है।
जानिए विशाल चौधरी के बारे
विशाल चौधरी को लेकर ईडी के पास तमाम जानकारियां हैं। ईडी से मिली जानकारी के अनुसार विदेश घूमने का शौकीन विशाल चौधरी ने इस काम के लिए दो साल के भीतर तीन करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च किए हैं। देश के विभिन्न हिस्सों में रेस्टोरेंट, मुजफ्फरपुर में फर्नीचर का शो-रूम सहित कई अचल संपत्तियां हैं। अरगोड़ा चौक के पास स्थित फ्रंटलाइन व विनायका ग्रुप का संचालक भी विशाल चौधरी है, जिसके ठिकाने से ईडी ने कई संदिग्ध दस्तावेज बरामद किए थे।