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11 फरवरी को बनी थी उमेश के मर्डर की प्लानिंग:बरेली सेंट्रल जेल में माफिया के भाई अशरफ से 2 घंटे मिले थे गुर्गे, DIG जेल जल्द देंगे रिपोर्ट

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प्रयागराज के बहुचर्चित उमेश पाल की हत्या की प्लानिंग 11 फरवरी को बरेली सेंट्रल जेल में बनी। जेल की CCTV फुटेज और आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद की गई पूछताछ में यह खुलासा हुआ है। बरेली सेंट्रल जेल में बाहुबली अतीक अहमद का पूर्व विधायक भाई अशरफ पिछले ढाई साल से बंद है।

11 फरवरी को बरेली जेल में अशरफ से गुर्गों ने खास मुलाकात की। जेल में इस मुलाकात के 13 दिन बाद यानी 24 फरवरी को प्रयागराज में पुलिस सुरक्षा में उमेश पाल की गोली और बम बरसा कर हत्या कर दी गई। उमेश पाल जिस राजू पाल हत्याकांड में गवाह थे, इसी हत्याकांड में अतीक अहमद और उसका भाई अशरफ भी आरोपी है।

एक आईडी पर 7 आरोपी मिले
बरेली जेल में बंद अतीक के भाई अशरफ से जेल में मुलाकात करने वालों की लंबी लिस्ट है। अभी तक पुलिस, बरेली जेल के सिपाही शिवहरि अवस्थी समेत 4 को जेल भेज चुकी है। पुलिस और अधिकारी अतीक अहमद के पूर्व विधायक भाई अशरफ से भी पूछताछ कर चुके हैं।

गिरफ्तार बरेली जेल का सिपाही शिवहरि अवस्थी और दयाराम।
गिरफ्तार बरेली जेल का सिपाही शिवहरि अवस्थी और दयाराम।

जेल के सिपाही शिवहरि अवस्थी, कैंटीन में फल और सब्जी पहुंचाने वाला दयाराम उर्फ नन्हे, राशिद और फुरकान अरेस्ट किए जा चुके हैं। राशिद और फुरकान दोनों ही बिना पर्ची और आईडी के जेल में अतीक अहमद के भाई अशरफ से मिलते थे। पूछताछ में पता चला कि जेल के गेट से लेकर अंदर तक कोई रोकता नहीं था। मुलाकात करने वालों में अन्य नाम भी शामिल हैं। 11 फरवरी को एक आईडी पर सात लोग बरेली जेल में अशरफ से मिले थे। यह आईडी फर्जी निकली। जहां आरोपियों ने अतीक के बेटे असद की फर्जी आईडी का इस्तेमाल किया गया।

2 घंटे जेल में मुलाकात, प्रयागराज में हत्या
जेल के कैमरों में इन सभी बातों के सबूत मिले हैं। इसमें अशरफ का साला सद्दाम और लल्लागद्दी की मदद से जेल के अधिकारी और कर्मचारी अवैध तरह से मिलाई कराते थे। गुजरात जेल में बंद अतीक के भाई अशरफ से मुलाकात भी दूसरे स्थान पर हुई। उमेशपाल हत्याकांड में अशरफ भी नामजद आरोपी है।

यह फोटो 27 फरवरी की है। बरेली जेल में डीआईजी अखिलेश चौरसिया, डीएम शिवाकांत द्विवेदी ने छापा मारा। जिसके बाद अशरफ को हाई सिक्योरिटी बैरक में पहुंचा दिया।
यह फोटो 27 फरवरी की है। बरेली जेल में डीआईजी अखिलेश चौरसिया, डीएम शिवाकांत द्विवेदी ने छापा मारा। जिसके बाद अशरफ को हाई सिक्योरिटी बैरक में पहुंचा दिया।

अशरफ को हाई सिक्योरिटी बैरक में रखा गया
उमेश पाल हत्याकांड के बाद 27 फरवरी को DM और DIG ने छापा मारा था। DM शिवाकांत द्विवेदी और DIG अखिलेश चौरसिया ने बैरक की चेकिंग कराई।​​​​​​ जांच में पता चला की बिना आईडी और पर्ची के जेल में मुलाकात कराई जाती थी। जेल में इसके लिए अलग से जगह पर मिलते थे। सिर्फ कैमरों में ही इसका पता चला है। इसमें एसआईटी जांच कर रही है। प्रयागराज में पकड़े गए आरोपी के मोबाइल से पता चला कि बरेली जेल से वॉट्सऐप कॉल की गई, जिसके बाद बरेली जेल में छापा मारा। जिसके बाद अशरफ को हाई सिक्योरिटी बैरक में पहुंचा दिया।

डीआईजी जेल शासन को देंगे जल्द रिपोर्ट
डीआईजी जेल आरएन पांडे ने शनिवार को बरेली जेल में छापा मारा। जहां कर्मचारियों और अधिकारियों के बयान दर्ज किए। बरेली के बिथरी चैनपुर थाने में 6 मार्च को केस दर्ज किया गया। इसमें जेल अधिकारी, अतीक का भाई अशरफ, अशरफ का साला सद्दाम, जेल का सिपाही शिवहरी, लल्लागिद्दी और अन्य भी आरोपी हैं।

एफआईआर में यह भी शामिल है कि पैसे लेकर बरेली जेल में अतीक के भाई अशरफ से मुलाकात होती थी, इसमें सिपाही से लेकर अधिकारी तक मिले हैं। मुलाकात के बदले काफी रकम ली जाती थी। पूरे मामले में डीआईजी जेल जल्द ही शासन को रिपोर्ट देंगे।

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