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सिख बंदियों की रिहाई के मोर्चे के खिलाफ याचिका:हाईकोर्ट ने अतिक्रमण हटाने की मांग पर सरकार को नोटिस किया जारी, जवाब तलब

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सिख बंदियों को छुड़ाने की मांग को लेकर बीते 7 जनवरी से मोहाली में चल रहे पक्के मोर्चे के खिलाफ पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका(PIL) दायर की गई है। इसमें मांग की गई है कि सरकार और संबंधित अफसरों को आदेश दिए जाए कि YPS चौक, फेज 7, फेज 3 ए, मोहाली में प्रदर्शनकारियों द्वारा किए गए अतिक्रमण को जल्द हटाया जाए।

हाईकोर्ट की डबल बैंच ने मामले में सुनवाई करते हुए 17 मार्च के लिए सरकार व अन्यों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। जनवरी महीने से लगाए गए इस मोर्चे से आम लोगों को वहां से गुजरने में दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। वहीं आम लोगों की जान-माल और स्वतंत्रता की सुरक्षा की जाए।

अराइव सेफ सोसाइटी, चंडीगढ़ नामक NGO के प्रेसिडेंट हरमन सिंह सिद्धू ने भारत सरकार के गृह मंत्रालय, पंजाब सरकार के चीफ सेक्रेटरी, DGP, पंजाब, डिप्टी कमिश्नर, मोहाली और SP, मोहाली को पार्टी बनाया है। याची की ओर से एडवोकेट रवि कमल गुप्ता ने दलीलें पेश की।

कानून व्यवस्था खराब कर सकते हैं
हाईकोर्ट से आशंका जताई गई है कि प्रदर्शनकारी/सहयोगी/वर्कर कानून व्यवस्था खराब कर सकते हैं। इससे लोगों को खतरा पैदा हो सकता है और शांति व्यवस्था भी प्रभावित हो सकती है। इससे ट्रैफिक जाम की स्थिति और राइट टू फ्री मूवमेंट भी प्रभावित हो रही है। जनहित याचिका में इस प्रदर्शन की तस्वीरें भी अटैच की गई हैं। वहीं मांग की गई है कि किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए प्रतिवादी बनाए गए पुलिस-प्रशासन को उचित आदेश जारी किए जाए।

लोगों को आ रही भारी दिक्कत
याची ने कहा है कि वह मटोर बैरियर, YPS चौक से मैक्स और फोर्टिस अस्पताल नहीं पहुंच पाए थे। कई लोग इस प्रदर्शन के कारण सड़कों से नहीं गुजर पा रहे हैं। प्रदर्शनकारी अनिश्चित काल के लिए प्रदर्शन(मोर्चे) पर बैठे हुए हैं। वह पिछले तीन महीने से(7 जनवरी) से प्रदर्शन पर हैं जिससे आम नौकरीपेशा व्यक्ति, स्टूडेंट्स और अन्य लोगों को सड़क से गुजर नहीं पा रहे हैं। बिना किसी कारण अनावश्यक रूप से उन्हें परेशानी झेलनी पड़ रही है। मोहाली के बेहतर अस्पतालों में भी लोग ढंग से नहीं पहुंच पा रहे हैं। इस प्रदर्शन से स्टूडेंट्स की परीक्षाएं भी प्रभावित हो रही हैं।

इनकी भी रिहाई मांग रहे
याचिका में कहा गया है कि कई सिख जत्थेबंदियां और अन्य मोर्चे में बंदी सिखों की रिहाई की मांग कर रहे हैं, जिनमें पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह का हत्यादोषी बलवंत सिंह राजोआणा और 1993 दिल्ली बम धमाकों का दोषी दविंदरपाल सिंह भुल्लर भी है।

8 फरवरी को हुई थी हिंसा
वहीं बीते 8 फरवरी को पंजाब CM के चंडीगढ़ आवास का घेराव करने के लिए आगे बढ़े प्रदर्शनकारियों को रोकने के दौरान पुलिसकर्मियों पर हुए हमले में मोहाली पुलिस के 11 जवान घायल हो गए थे। अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शनकारी हथियारों समेत जुटे हुए हैं। बता दें कि कई प्रदर्शनकारियों ने तलवारों, गंडासियों और डंडों से चंडीगढ़ पुलिस के जवानों पर भी हमला किया था और 30 के लगभग जवान बुरी तरह घायल हुए थे। इस घटना को लेकर चंडीगढ़ और मोहाली पुलिस ने FIR भी दर्ज की थी।

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