उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में पागल हाथी को 5 घंटे बाद काबू में कर लिया गया। उसे ट्रेंकुलाइजर गन से शॉट दिया गया। जिसके बाद पकड़ में आया। वह मोहम्मदपुर माफी गांव में कलश यात्रा के लिए बुलाया गया था। वहां पर भीड़ को देखकर भड़क गया। उसने कई लोगों को कुचल दिया।
इस घटना में तीन लोगों की मौत हो गई। जबकि कई लोग घायल हो गए। घायलों को प्राथमिक इलाज के बाद घर भेज दिया गया। घटना के बाद आयोजन को रद्द कर दिया गया है। सीएम योगी ने मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख रुपए की मदद देने का ऐलान किया है।
सूंड में लपेटा, जमीन पर पटक कर पांव से दबा दिया
गांव के रहने वाले रामलखन के अनुसार 16 से 24 फरवरी तक गांव में लक्ष्मी नारायण महायज्ञ का आयोजन किया गया था। पहले दिन करीब डेढ़ बजे कलश यात्रा निकलनी थी। कलश यात्रा के लिए महिलाएं जल भरने जाने वाली थीं। यात्रा में शामिल होने के लिए 2 हाथी और 2 ऊंट किराए पर लाए गए थे। मौके पर पंडाल में एक हजार से अधिक लोग जमा थे।
वहां पर हाथी को देखने और उसके साथ फोटो खिंचवाने वालों की भीड़ जमा हो गई। भीड़ और शोर की वजह से हाथी भड़क गया। उसने पूजा कर रही दो महिलाएं कांति देवी (55) और कौशल्या देवी (50) को सूंड में लपेट लिया। उसके बाद जमीन पर पटक कर पांव से दबा दिया। फिर खेत की ओर भाग निकला।
कौशल्या देवी की गोद में उनका नाती कृष्णा (4) भी था। कौशल्या अपने बीमार नाती को हाथी की पूजा कराने गोद में लेकर गई थीं, लेकिन हाथी ने कौशल्या के साथ ही मासूम कृष्णा को भी अपने पांव के नीचे दबाकर मार डाला। दोनों महिलाएं मोहम्मदपुर माफी इलाके की रहने वाली थी।
सूचना देने के 1 घंटे बाद पहुंची वन विभाग की टीम
ग्रामीणों के मुताबिक घटना की सूचना मिलने के 1 घंटे बाद करीब 2 बजे पुलिस और वन विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे। उनके साथ महावत भी था। सबसे पहले महावत ने उसे काबू में करने का प्रयास किया, लेकिन वह काबू में नहीं आ पाया। इसके बाद वन विभाग की टीम ने हाथी को काबू करने के लिए ट्रेंकुलाइजर गन से शॉट दिया। जिसके थोड़े देर बाद हाथी शांत होकर जमीन पर बैठ गया। शाम साढ़े 6 बजे उस पर काबू पाया जा सका।
आशीर्वाद की जगह 4 साल के बच्चे को मिली मौत
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक जिस बच्चे की मौत हुई है, वह काफी बीमार चल रहा था। उसके ननिहाल वालों ने मां से कहा था कि बच्चे को यज्ञ में लाकर पूजन कराओ तो वह ठीक हो जाएगा, जिसके बाद मां बच्चे को लेकर मायके आई थी। वह हाथी का पूजन कर बच्चे को आशीर्वाद दिलाने पहुंची थी।
कांति देवी और कौशल्या 5-5 बच्चों की मां थीं
मरने वालों में शामिल कांति देवी 5 बच्चों की मां थीं। उनके बेटे अनूप और बेटी दीपमाला की शादी नहीं हुई है। वहीं, कौशल्या देवी के भी 5 बच्चे हैं। जिसमें बेटी डाली और बेटे राजू की शादी अभी नहीं हुई हैं। मृतक कृष्णा कौशल्या देवी की बेटी पूजा का बेटा था। बच्चे के पिता का नाम राजू है। वह सहजनवां के सरैया गांव का रहने वाला था।
शादी के 12 साल बाद हुआ था बेटे का जन्म
परिवार के लोगों ने बताया, मृतक कृष्णा की मां पूजा की शादी के 12 साल बाद बच्चा हुआ था। बाद में उसकी मां को कुछ दिक्कत हो गई थी। जिसके बाद ऑपरेशन करके उनकी बच्चेदानी निकाल दी गई थी। तीन दिन पहले मां और बेटा ननिहाल आए थे। 3 महीने पहले इसी मंदिर पर कृष्णा का मुंडन संस्कार हुआ था। जहां पर ये घटना घटी है।
महावत ने नहीं सुनी थी गांव वालों की बात
वहीं ग्रामीण राजेश मौर्य ने बताया कि गांव के लोग महावत से बार-बार हाथी को दूर ले जाने के लिए बोल रहे थे, लेकिन महावत उनकी कोई भी बात सुनने को तैयार नहीं था। महिलाएं हाथी का पूजन कर उसे चढ़ावा चढ़ा रही थीं। हाथी के पास भीड़ लगी थी। इतने लोग एक साथ हाथी को छूने लगे और उसे घेर लिया जिसकी वजह से हाथी भड़क गया।
भाजपा विधायक विपिन सिंह का है हाथी
हाथी का नाम प्रसाद है। वह भाजपा विधायक विपिन सिंह का है। विपिन सिंह गोरखपुर ग्रामीण सीट से लगातार दूसरी बार विधायक हैं। वह पूर्व विधायक अंबिका सिंह के बेटे हैं। इससे पहले 13 जनवरी 2020 को इसी हाथी ने अपने ही महावत शब्बीर (25) को पटककर मार डाला था। घटना के बाद हाथी को वन विभाग ने कब्जे में ले लिया था। हालांकि बाद में विधायक विपिन सिंह उसे छुड़ाकर वापस लेकर चले गए थे।
वृंदावन, मथुरा और हरिद्धार से 51 वैदिकचार्य बुलाए गए थे
आयोजन समिति के सदस्य हनुमान यादव के अनुसार यज्ञ में अयोध्या, वृंदावन, मथुरा, हरिद्धार समेत कई जगहों से 51 वैदिकचार्य भी पहुंचे थे। घटना के बाद दूसरे हाथी को गांव से वापस भेज दिया गया।