केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत-चीन सीमा की सुरक्षा करने वाली भारत तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) की सात नई बटालियन और एक रीजनल हेडक्वार्टर के गठन को मंजूरी दे दी। इसके साथ ही 9400 नए पद भी बनाए जाएंगे। नई बटालियन के लिए एक अतिरिक्त सेक्टर हेडक्वार्टर भी बनाया जाएगा।
बुधवार को केंद्रीय कैबिनेट की हुई बैठक में ये फैसला लिया गया। मीटिंग की जानकारी देते हुए सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (CCS) की बैठक में इसकी मंजूरी दी गई।
47 नए बॉर्डर आउट पोस्ट और 12 स्ट्रैटेजिक कैंप का काम जारी
ठाकुर ने कहा कि भारत-चीन सीमा की निगरानी कर रही ITBP अभी 176 बॉर्डर आउट पोस्ट की निगरानी कर रही है। उन्होंने बताया कि चीन के साथ लगी लंबी सीमा की निगरानी के लिए और सुरक्षाबल, बॉर्डर आउट पोस्ट की जरूरत थी। 2025-26 तक इसे पूरा कर लिया जाएगा।
इसके अलावा ITBP के 47 नए बॉर्डर आउट पोस्ट (BOP) और 12 स्ट्रैटेजिक कैंप स्थापित करने के प्रस्ताव को सरकार ने जनवरी 2020 में ही अनुमति प्रदान कर दी थी। इनका काम तेजी से चल रहा है। इनके लिए जो अतिरिक्त बल की आवश्यकता होगी, उसके लिए सात नई बटालियन बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है।
बता दें कि इसी साल चीनी सैनिकों से हमारी सेना की झड़प हुई थी।
लद्दाख की ऑल वेदर कनेक्टिविटी के लिए बनेगा सिंकुला टनल
ठाकुर ने लद्दाख की ऑल वेदर कनेक्टिविटी के लिए 4 किलोमीटर लंबी सिंकुला टनल के निर्माण की मंजूरी की भी जानकारी दी। इसके साथ एप्रोच रोड भी बनाया जाएगा। इसके लिए 1681 करोड़ रुपए मंजूर किए गए हैं। टनल 2025 तक बना ली जाएगी।
इसके बनने से किसी भी मौसम में लद्दाख की कनेक्टिविटी देश के दूसरे राज्यों से बनी रहेगी। बर्फीले मौसम में भी सेना को मूवमेंट में परेशानी नहीं होगी। ठाकुर ने बताया कि इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मनाली से लेह को जोड़ने वाली अटल टनल का उद्घाटन किया था, जो बर्फीले मौसम में भी बंद नहीं होगी।
दो लाख पंचायतों में डेयरी कोऑपरेटिव
ठाकुर ने कहा कि कोऑपरेटिव मूवमेंट को मजबूत करने के लिए कैबिनेट में 2 लाख पंचायतों में डेयरी कोऑपरेटिव बनाने का भी निर्णय लिया गया। फिशरी की दिशा में भी कदम बढ़ाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि अगले 5 साल में ये सब कदम उठाए जाएंगे। ठाकुर ने कहा कि पंचायतों को नेशनल डेयरी और फिशरी योजनाओं से जोड़ा जाएगा।
वाइब्रेंट विलेज पर खर्च होंगे 4800 करोड़
ठाकुर ने वाइब्रेंट विलेज को लेकर नए फैसले की भी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम पर 4800 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे और 2500 करोड़ रुपए सड़कों के लिए दिया जाएगा। ठाकुर ने ये भी कहा कि सहकारिता मंत्री की अध्यक्षता में कमेटी बनाई जाएगी जो तीन स्तरीय योजनाओं को लेकर आगे आएगा।
बॉर्डर के 2662 गांवों में टूरिज्म को प्रमोट करेंगे
ठाकुर ने कहा कि कुल 2662 बॉर्डर के गांवों को चुना गया है, जहां टूरिज्म को प्रमोट किया जाएगा। ये देश की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है। ये प्रोग्राम बॉर्डर प्रोग्राम से अलग रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि यहां समय-समय पर अधिकारी भी जाएंगे। लद्दाख, अरुणाचल प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश के बॉर्डर के गांवों में वाइब्रेंट विलेज के लिए पैसा खर्च किया जाएगा। इन गांवों में 24 घंटे बिजली-पानी की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।