वाराणसी में बॉलीवुड गीतकार लेखक मनोज मुंतशिर ने शुक्रवार रात रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर ‘काशी शब्दोत्सव’ में हिस्सा लिया। मीडिया के एक सवाल के जवाब में उन्होंने लखनऊ का नाम बदलने का समर्थन किया। उन्होंने कहा, “अगर शास्त्रों में लिखित हमारे शहरों का नाम इतिहास में बदला गया। तो अब भी बदले जाएं। लखनऊ और गाजीपुर के भी नाम बिल्कुल बदलने चाहिए।”
मुंतशिर ने कहा, ”अब तक जो नाम बदले गए हैं, वो सही किए गए हैं। क्योंकि जो नाम रखे गए हैं, वह बदले नहीं गए हैं। जो नाम कभी हुआ करते थे, उन नामों की तरफ हम वापस लौटे हैं। आतताइयों-लुटेरों ने अपने झंडे गाड़ रखे थे। वो झंडे अब उखड़ने चाहिए। इसमें क्या गलत बात है। यदि लखनऊ का नाम हमारे शास्त्रों और इतिहास में पहले कुछ हुआ करता था तो अब भी वही होना चाहिए।”
‘सनातन काटे से कटता नहीं बांटे से बटता नहीं’
उन्होंने कहा- बाबा तुलसीदास दलित, स्त्री विरोधी नहीं थे। कुछ लोग हिंदू धर्म को 50 अलग-अलग खंडों में तोड़ना चाहते हैं। ऐसी बातें आपके सामने होती रहेंगी। यही तो सनातन परंपरा की परीक्षा है। आप बंटना मत। हम पानी की धारें हैं। हम काटे से कटते नहीं हैं। हम बांटे से बंटते नहीं हैं।
स्वामी प्रसाद मौर्य के रामचरित मानस को लेकर दिए गए बयान पर मनोज मुंतशिर ने कहा कि आप लोग उनका मार्कशीट देख लीजिए। कितना पढ़े-लिखे हैं वो, मुझे बड़ा संदेह है… बस इतना ही कहूंगा। इसमें राजनीति हो रही है।
योगी के कार्यकाल में यूपी की GDP हुई दोगुनी
मनोज मुंतशिर ने ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रशंसा की। समिट पर बोला- योगी के कार्यकाल में GDP 11 हजार करोड़ से बढ़कर 23हजार करोड़ हो गई है। दोगुना से भी ज्यादा। दुनिया के इन्वेस्टर यूपी में सुरक्षित महसूस करते हैं। कोई पैसा डालने से सोचता नहीं है। योगी ने वादा किया है कि जितना हमारा GDP है उतना ही इन्वेस्टमेंट लेकर आएंगे।
लाल चौक पर झंडा फहराएं राहुल गांधी
मनोज मुंतशिर ने कश्मीर पर कहा कि कुछ बरस पहले चैलेंज दिया गया था कि किसी में हिम्मत है तो कश्मीर के लाल चौक पर झंडे फहराकर दिखाए। तब नरेंद्र मोदी मुख्यमंत्री भी नहीं थे, फिर भी वो गए थे। राहुल गांधी को भी वहां जाना चाहिए। आज वहां पर झंडा लहरा रहा है। केंद्र सरकार और सुरक्षाबलों को सलाम है।
भारत में अब से किसी को औरत नहीं बोलना
शब्दोत्सव कार्यक्रम में मनोज मुंतशिर ने करीब 45 मिनट तक संबोधित किया। इसके अंतिम सत्र में उन्होंने कहा कि 11वीं सदी से पहले भारत में औरत शब्द का प्रचलन नहीं था। यह अरब से भारत में आया। भारत में नारी या स्त्री शब्द का इस्तेमाल किया जाता था।
रुद्राक्ष कन्वेंशन में आप संकल्प लीजिए कि किसी को औरत नहीं कहेंगे। कार्यक्रम के दौरान काशी के युवाओं का उत्साह देख मनोज मुंतशिर काफी हैरान थे। बार-बार फैंस और ऑडियंस की ओर से मनोज भइया जिंदाबाद और हर-हर महादेव की गूंज सुनाई दे रही थी।
काशी, मथुरा और सोमनाथ को किसने तहस-नहस किया?
‘काशी शब्दोत्सव’ में मनोज मुंतशिर ने कहा, “हमें यह पढ़ाया जाता है कि ताजमहल किसने बनवाया? लेकिन, यह नहीं पढ़ाया जाता कि काशी, मथुरा और सोमनाथ को किसने तहस-नहस किया। हमें बताया गया कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को किसने मारा, लेकिन ये नहीं बताया गया कि गुरु गोविंद सिंह के साहिबजादों को जिंदा दीवार में किसने चुनवाया। इतिहास उतना ही पढ़ाया गया, जिससे आपका भला होता हो।”
इन गानों को लिखकर हाईलाइट हुए मनाेज
मनोज मुंतशिर यूपी के अमेठी के रहने वाले हैं। उन्होंने गलियां… तेरे संग यारा… कौन तुझे यूं प्यार करेगा… मैं फिर भी तुमको चाहूंगा… और तेरी मिट्टी… गाना लिखकर फेमस हुए हैं।