शिरोमणि अकाली दल में हुई तोड़फोड़ की चिंता अब पार्टी के प्रधान को सताने लगी है। यही कारण है कि सुखबीर बादल पार्टी से रुठों को मनाने के लिए खुद कार्यकर्ताओं के घरों पर दस्तक दे रहे हैं। पार्टी में नजरअंदाजी से परेशान होकर खिन्न होने वाले कार्यकर्ताओं को पूरा मान सम्मान देने का वादा कर टूटे कुनबे को फिर से जोड़ने में जुटे हुए हैं।
सुखबीर बादल आज जालंधर शहर के रामामंडी में कार्यकर्ताओं के घर जाएंगे। उन्हें आगामी आने वाले नगर निगम और सांसद संतोख चौधरी के निधन के बाद खाली हुई जालंधर सीट पर उप-चुनाव के लिए जगाएंगे। पार्टी को लगातार दूसरी बार हार के बाद जो झटके लगे हैं और दूसरे दलों ने अकाली दल में तोड़फोड़ की है उसने प्रधान सुखबीर बादल टकसाली अकाली कार्यकर्ताओं के घरों तक पहुंचा दिया है।
पार्टी में मान सम्मान न मिलने पर टूटे कार्यकर्ता
जब अकाली दल सत्ता में था तो धरातल पर काम करने वाले कार्यकर्ताओं की पूछ पड़ताल होने पर कार्यकर्ताओं में रोष था। जिसका खामियाजा पार्टी को एक बार नहीं बल्कि दो बार भुगतने को मिला। पहले 2017 विधानसभा चुनाव में पार्टी 15 सीटों पर सिमट कर रह गई फिर उसके बाद 2022 विधानसभा चुनाव में तो सूपड़ा ही साफ हो गया।
2022 विधानसभा चुनाव में पार्टी के सारे धुरंधर हार गए
पार्टी के प्रधान से लेकर सभी बड़े-बड़े धुरंधर भी चुनाव हार गए। पार्टी ने 2022 विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी से गठबंधन तोड़ कर बहुजन समाज पार्टी के साथ गठबंधन किया था। अकाली दल-बसपा गठबंधन मात्र चार सीटें ही जीत पाया। इसमें से एक बसपा की थी। अकाली दल तीन सीटों पर सिमट कर रह गया।
यहां तक कि पार्टी का वोट प्रतिशत भी 2017 से लगातार तेजी के साथ घटा है। 2017 में बीजेपी के साथ चुनाव लड़ने वाली शिरोमणि अकाली दल के हिस्से 25.2 फीसदी वोट आए थे और 15 सीटें आई थीं। वहीं 2022 में शिरोमणि अकाली दल का वोट फीसदी घटकर 18.36 पर पहुंच गया और सीटें भी कम होकर सिर्फ 3 रह गईं।