किसी भी फिल्म के बनने में उसकी स्क्रिप्ट और स्क्रीन प्ले का रोल सबसे अहम होता है। एक अच्छा स्क्रीन पर बेहतर फिल्म की गारंटी होता है। यह पार्ट फिल्म मेकिंग कला में सबसे अहम माना जाता है। राइटिंग में परंपरागत रूप से पुरुष ही ज्यादा सक्रिय रहते थे और कामयाब भी हुए। लेकिन अब वह दौर लद चुका है। महिलाएं भी लगातार सामने आ रही हैं और एक के बाद एक कामयाबी के सोपान चढ़ रही हैं। नए सिनेमा में महिलाओं लेखकों ने एक से बढ़कर एक फिल्म देकर अपना लोहा मनवाया है। आज हम बात करेंगे कुछ ऐसी ही महिला लेखकों के बारे में जिन्होंने अपने लेखन के दम पर समकालीन सिनेमा में अहम योगदान दिया है…
उर्मी जुवेकर
उर्मी ने वृत्तचित्र लेखक और निर्देशक के रूप में अपना करियर शुरू किया। फिल्म ‘दरमियान: इन बिटवीन’ के साथ उन्होंने उर्मी ने फीचर फिल्म पटकथा लेखन की शुरुआत की। इनको ‘ओए लकी’ की पटकथा लिखने के लिए जाना जाता है। ‘आई एम’ और ‘शंघाई’ भी इनकी फेमस फिल्में हैं। उन्होंने मुंबई विश्वविद्यालय से सामाजिक कार्य में स्नातक की डिग्री हासिल की है।