राजस्थान उच्च न्यायालय ने गुरुवार को एक महिला की याचिका पर सुनवाई की। बाद में पुलिस अधीक्षक को इस बारे में नोटिस जारी किया। दरअसल एक महिला कांस्टेबल का सलेक्शन थर्ड ग्रेड टीचर में हो गया। वह टीचर की नौकरी करना चाहती है लेकिन उसे इस बात पर रिलीव नहीं किया कि उसने कांस्टेबल ट्रेनिंग में जो खर्च हुआ उसे वापस नहीं लौटाया। इस पर महिला कोर्ट पहुंची। हाईकोर्ट ने एसपी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा।
दरअसल याचिकाकर्ता संजू जाट चित्तौडग़ढ़ की है। और वर्तमान में भीलवाडा़ में पुलिस कांस्टेबल के पद पर कार्यरत है। उसने टीचर थर्ड ग्रेड लेवल वन की परीक्षा दी थी। उसमें उसका सलेक्शन हो गया। लेकिन उसे रिलीव नहीं किया तो परेशान होकर हाईकोर्ट की शरण ली। याचिका की सुनवाई जस्टिस पीएस भाटी की बेंच में हुई। सुनवाई के बाद जस्टिस ने भीलवाड़ा एसपी को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। साथ ही उसे तुरंत रिलीव करने के निर्देश दिए हैं। शिक्षा विभाग को उसे शिक्षिका के पद पर जॉइन कराने के लिए कहा है।
याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता ओपी सांगवा ने हाईकोर्ट में रिट याचिका दायर की और भीलवाड़ा एसपी के इस निर्देश को न्यायसंगत नहीं बताया। इस तरह याचिकाकर्ता को रिलीव निवासी करने से नहीं रोका जा सकता है। उन्होंने पूर्व में वर्ष 2019 में रामप्रकाश रोज के मामले में दिए गए फैसले की प्रति भी पेश की।
जस्टिस भाटी ने याचिका को विचारार्थं स्वीकार करते हुए भीलवाड़ा एसपी व संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया है। साथ ही कोर्ट ने भीलवाड़ा एसपी को याचिकाकर्ता से रिफंड की राशि लिए बिना उन्हें एक सप्ताह में रिलीव करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही शिक्षा विभाग व जिला परिषद चित्तौडग़ढ़ को नए पद पर जॉइन कराने के लिए कहा है।