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देशभर के मुख्य सचिवों को कहा- भोजन की थाली में बाजरे को दिलाएं खास स्थान

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बाजरे को दुनिया की अगली पीढ़ी का मुख्य भोजन बनाने पर जोर दिया है। उन्होंने राजस्थान की मुख्य सचिव उषा शर्मा सहित देश के सभी मुख्य सचिवों काे कहा है कि वे बाजरे के उत्पादन को बढ़ावा दें। इसे अगली पीढ़ी की भोजन थाली का हिस्सा बनाएं। हाल ही दिल्ली में हुई मुख्य सचिव नेशनल कॉन्फ्रेंस में देशभर के मुख्य सचिव शामिल हुए थे।

संयुक्त राष्ट्र संघ ने हाल ही वर्ष 2023 को वैश्विक बाजरा वर्ष घोषित किया है। अब मुख्य सचिव उषा शर्मा इस विषय में जल्द ही एक कार्ययोजना कृषि विभाग के साथ तय करेगी। वे गुरुवार और शुक्रवार को दिल्ली में प्रधानमंत्री के साथ मुख्य सचिवों की बैठक में शामिल हुई थीं।

यह भी संभव है कि राजस्थान के कृषि बजट में बाजरे को लेकर कोई विशेष योजना भी सामने आए। पीएम ने जोर देकर कहा है कि बाजरा न केवल किसानों की समृद्धि के द्वार खोल सकता है, बल्कि अन्य फसलों के बजाय इसे उगाने में पानी की बहुत कम आ‌वश्यकता होती है। कैलोरीज के हिसाब से भी यह अन्य अनाजों की तुलना में ज्यादा पौष्टिक है।

दिल्ली में दो दिवसीय सम्मेलन में राजस्थान की मुख्य सचिव उषा शर्मा सहित देश के सभी मुख्य सचिवों को पीएम मोदी ने किया संबोधित।
दिल्ली में दो दिवसीय सम्मेलन में राजस्थान की मुख्य सचिव उषा शर्मा सहित देश के सभी मुख्य सचिवों को पीएम मोदी ने किया संबोधित।

मोदी ने अन्य राज्यों खासकर उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, हरियाणा, गुजरात, महाराष्ट्र के मुख्य सचिवों को भी कहा है कि वे बाजरे के उत्पादन और उसके चलन को बढ़ावा दें। इन राज्यों में भी राजस्थान की ही तरह बाजरा एक प्रमुख फसल है।

अब राजस्थान में इसे लेकर आगे क्या किया जाएगा, यह अभी तय नहीं है लेकिन बाजरा यहां सदियों से मुख्य भोजन रहा है। अब हाल के 40-45 वर्षों में राजस्थान में गेहूं मुख्य भोजन हो गया है।

मुख्य सचिव शर्मा जल्द ही सीएम गहलोत को प्रधानमंत्री के साथ हुए सम्मेलन और वहां सामने आए मुद्दों पर एक विस्तृत रिपोर्ट पेश करेंगी। बाजरा उत्पादन में राजस्थान पूरे देश में अव्वल है। राजस्थान के बाद उत्तरप्रदेश, गुजरात व मध्यप्रदेश का स्थान है।

राजस्थान का बाजरा अपनी पौष्टिकता और कम पानी में भी पनप जाने के कारण पूरी दुनिया का ध्यान खींच रहा है।
राजस्थान का बाजरा अपनी पौष्टिकता और कम पानी में भी पनप जाने के कारण पूरी दुनिया का ध्यान खींच रहा है।

वनस्पति-कृषि वैज्ञानिक प्रो. एन. एस. राठौड़ (पूर्व कुलपति-कृषि विश्वविद्यालय जोबनेर, जयपुर) ने भास्कर को बताया कि बाजरा 5-एफ (फूड-भोजन, फैब्रिक-कपड़ा, फर्टिलाइजर-खाद, फ्यूल-ईंधन, फॉडर-चारा) की जरूरतों को पूरा करने वाला अनाज है। बाजरे का उत्पादन और खपत बढ़ने से पानी की भी बचत होगी और कम भूमि से ज्यादा लोगों की खाद्यान्न जरूरतें पूरी हो सकेंगी। पीएम मोदी के इस आह्वान को सरकारों को बहुत गंभीरता से लेना चाहिए।

वनस्पतिशास्त्री (पूर्व कुलपति गोरखपुर विश्वविद्यालय) प्रो. पी. सी. त्रिवेदी ने भास्कर को बताया कि बाजरा उत्तर, पश्चिम व मध्य भारत की जलवायु के अनुसार श्रेष्ठ फसल है। इसे भोजन के रूप में पूर्वजों की तरह ही वर्तमान और अगली पीढ़ी को अपनाना चाहिए।

बाड़मेर-जैसलमेर से सांसद व केन्द्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी के मैनेजमेंट में बाजरा लंच करते पीएम मोदी व अन्य।
बाड़मेर-जैसलमेर से सांसद व केन्द्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी के मैनेजमेंट में बाजरा लंच करते पीएम मोदी व अन्य।

मोदी और खड़गे ने किया था बाजरा लंच

हाल ही पीएम मोदी ने राजस्थान के बाड़मेर-जैसलमेर से सांसद और कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी के साथ संसद परिसर में बाजरे के पकवानों का लंच भी किया था। उनके साथ उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़, लोक सभा के अध्यक्ष ओम बिड़ला, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे भी मौजूद थे।

अब पीएम द्वारा मुख्य सचिवों की बैठक में बाजरे पर खास फोकस करना राजस्थान के कृषि और भोजन को देश की मुख्य थाली बना सकता है।

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