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साउथ कोरिया में चीन से आने वालों का टेस्ट होगा, ब्रिटेन-EU देश प्रतिबंधों पर जल्द फैसला लेंगे

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चीन में बिगड़ते हालात को देखते हुए साउथ कोरिया और पाकिस्तान भी चीन से आने वाले यात्रियों का RT-PCR टेस्ट करेंगे। अमेरिका, ताइवान, जापान, भारत, इटली और मलेशिया पहले ही ऐसा कर चुके हैं। इन देशों में चीन से आने वाले लोगों को नेगेटिव कोरोना टेस्ट रिपोर्ट और वैक्सीनेशन का प्रमाण देना होगा।

इधर, इटली ने यूरोपियन यूनियन (EU) के देशों से अपील की है कि वो चीन के यात्रियों का कोरोना टेस्ट करें। हालांकि, कई देशों ने ऐसा करने से मना कर दिया है। ये पहली बार है जब EU के देशों के बीच कोरोना पॉलिसी को लेकर मतभेद हैं। हाल ही में चीन से इटली आई एक फ्लाइट में 52% लोग कोरोना से संक्रमित मिले थे।

ब्रिटिश अधिकारियों ने कहा कि ब्रिटेन इस बात की समीक्षा कर रहा है कि चीन से आने वाले लोगों पर प्रतिबंध लगाया जाए या नहीं।
ब्रिटिश अधिकारियों ने कहा कि ब्रिटेन इस बात की समीक्षा कर रहा है कि चीन से आने वाले लोगों पर प्रतिबंध लगाया जाए या नहीं।

चीन में लोग शवों को लेकर लाइन में लगे
चीन और चाइना कम्युनिस्ट पार्टी पर नजर रखने वाली वाली ह्यूमन राइट एक्टिविस्ट जेनिफर जेंग ने कुछ वीडियो पोस्ट किए हैं। इनमें दिख रहा है कि श्मशानों में लोगों की लाइन लगी हुई है। यहां शवों का अंबार भी देखा जा सकता है।

चीन के शंघाई में हालात बेहद नाजुक बने हुए हैं। यहां रात 3 बजे से श्मशानों के बाहर लाइन लगी हुई है।

दुनिया में 66 करोड़ 36 लाख से ज्यादा मामले
कोरोना worldometer के मुताबिक, दुनिया में अब तक 66 करोड़ 36 लाख 18 हजार 225 मामले सामने आ चुके हैं। 11 जनवरी 2020 को चीन के वुहान में 61 साल के बुजुर्ग की मौत हो गई। ये दुनिया में कोविड से हुई पहली मौत थी। इसके बाद मौत का सिलसिला बढ़ने लगा। अब तक 66 लाख 92 हजार 202 मौतें हो चुकी हैं।

ऑस्ट्रेलिया-न्यूजीलैंड कोरोना स्थिति पर नजर रख रहे
ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड का कहना है कि वो चीन से आने वाले यात्रियों के लिए फिलहाल नियमों में किसी भी तरह का बदलाव नहीं कर रहे हैं। ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अलबनीस ने कहा- फिलहाल यात्रा संबंधी नियमों में कोई बदलाव नहीं किया गया है, हम लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं।

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दिसंबर की शुरुआत में कोविड के सख्त नियमों में छूट देने के बाद से ही चीन में केस अचानक बहुत तेजी से बढ़े हैं। इससे वहां दवाओं और वायरस टेस्ट किट की डिमांड में उछाल आया है। यही वजह है कि दवाएं बनाने वाली कंपनियां प्रोडक्शन बढ़ा रही हैं। कोरोना से बचाव के लिए चीन के लोग भारतीय दवाओं के भरोसे है।

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यहां क्रीमिटोरियम में शवों का जलाया तो जा रहा है, लेकिन धुआं शांत होने से पहले ही कई और शव यहां लाए जा रहे हैं। इसके चलते श्मशानों में 20 दिन की वेटिंग है। क्योंकि जब तक शव पूरी तरह से जल नहीं जाते तब तक उसी जगह पर दूसरे शवों को नहीं जलाया जा सकता है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, लोगों को अस्थियां लेने के लिए भी वेट करना पड़ रहा है।

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चीन में संक्रमण के हालात 2020 की याद दिला रहे हैं। तब से अब तक शी जिनपिंग सरकार ने इससे निपटने के लिए सख्त नियम लागू किए। जीरो कोविड पॉलिसी लाई गई। बेहद सख्त लॉकडाउन लगते रहे। तमाम दावों और वादों के बावजूद कोरोना कंट्रोल नहीं किया जा सका।

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चीन में जीरो-कोविड पॉलिसी के विरोध के बाद सरकार ने ढील दी और लॉकडाउन हटा दिया, लेकिन अब यहां स्थिति खराब होती नजर आ रही है। अस्पतालों में कोरोना संक्रमित मरीजों का सैलाब आ गया है। इतना ही नहीं, मेडिकल स्टाफ भी संक्रमित हो रहा है। कुछ डॉक्टर्स कोरोना पॉजिटिव होने के बावजूद मरीजों का इलाज कर रहे हैं।

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