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रूस के याकुत्सक में लोग बर्फ को गर्म कर पानी पीते हैं, कई दिन सूरज नहीं निकलता

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याकुत्सक, दुनिया का सबसे ठंडा इंसानी इलाका। तापमान -40 डिग्री सेल्सियस। आबादी करीब 3.60 लाख। ये रूस में साइबेरिया के याकुटिया राज्य की राजधानी है। अक्टूबर से अप्रैल तक 7 महीने सर्दियों में मुश्किल बढ़ जाती है, लेकिन जिंदगी के रंग-उमंग में कोई कमी नहीं। यहां से हजार किमी दूर ओमीकोन में तो तापमान -60 डिग्री तक चला जाता है। दूसरी ओर, जुलाई में याकुत्सक में पारा 24 डिग्री पर आ जाता है।

सर्दी ऐसी कि कई दिन सूरज नहीं निकलता

याकुटिया में दिसंबर से फरवरी तक सर्दी चरम पर होती है, लेकिन बाजार बंद नहीं होते।
याकुटिया में दिसंबर से फरवरी तक सर्दी चरम पर होती है, लेकिन बाजार बंद नहीं होते।

तापमान में इतना ऊपर-नीचे वाला आबादी क्षेत्र दुनिया में शायद याकुटिया ही होगा। यहां सूरज यूं तो कई दिन निकलता नहीं, पर सामान्य तौर पर सूर्योदय सुबह 10.30 बजे होता है। दोपहर के तीन बजते-बजते डूब जाता है। सर्दियों में यहां लोग खास तरह के इंसुलेटेड कपड़े, हिरण की खाल से बने जूतेे, फर के लंबे कोट और स्कार्फ बांधते हैं।

दिसंबर से फरवरी तक सर्दी चरम पर होती है, लेकिन बाजार बंद नहीं होते। नए साल के लिए लोग अपनों के लिए गिफ्ट खरीदते दिखेंगे। दोस्तों-रिश्तेदारों से मिलने-जुलने के प्लान भी खूब बनते हैं। इन दिनों बर्फ इतनी कठोर होती है कि ड्रिल मशीन से भी काटना मुश्क्लि होता है। सर्दी माइनस 40 डिग्री से नीचे जैसे ही जाने लगती है, स्कूलों में छुटि्टयां हो जाती हैं। अभी स्कूल बंद हैँ, लेकिन कई बार ये दौर कई महीने तक खिंच जाता है। ऑनलाइन पढ़ाई होती है, लेकिन लोग बच्चों को अब बाहर पढ़ाना चाहते हैं।

पीने के पानी के लिए बर्फ गर्म करनी पड़ती है

सर्दी के दौर में यहां खाने-पीने की चीजों से लेकर हर चीज ठंडे पत्थर जैसी सख्त हो जाती है।
सर्दी के दौर में यहां खाने-पीने की चीजों से लेकर हर चीज ठंडे पत्थर जैसी सख्त हो जाती है।

पीने के पानी के लिए जमी हुई नदी से बर्फ के टुकड़े तोड़ लाते हैं। उन्हें गर्म करके पानी मिलता है। सर्दी के दौर में यहां खाने-पीने की चीजों से लेकर हर चीज बर्फ नहीं, ठंडे पत्थर जैसी सख्त हो जाती है। महज 10 मिनट बाहर रहने पर भी ज्यादा थकान लगती है। 20 मिनट में चेहरा और अंगुलियां सुन्न हो सकती हैं। इसलिए किसी भी हाल में लोग आधे घंटे से ज्यादा बाहर नहीं रहते।

दिन के काम-धंधों से निवृत्त होकर शाम को यहां के पब और नाइटक्लब में धूम मचती है। हर तरफ बर्फ के बावजूद पब्लिक ट्रांसपोर्ट की हालत बेहतर है। पर उसके लिए इंतजार मुश्किल हो जाता है, इसलिए ज्यादातर लोग टैक्सी से सफर करते हैं। जिनके पास अपनी गाड़ियां हैं, वे उसे कंबल से ढककर गर्म पार्किंग में रखते हैं। पर बेहतर तो यह माना जाता है कि ज्यादा सर्दी में गाड़ी स्टार्ट ही रखी जाए। घर ही नहीं, गैराज तक इंसुलेटेड और गर्म रखे जाते हैं।

घरों को गर्म करने के लिए बैटरी का इस्तेमाल

सर्दी में गैसोलिन के दाम तीन गुना तक हो जाते हैं।
सर्दी में गैसोलिन के दाम तीन गुना तक हो जाते हैं।

घरों को गर्म करने के लिए गैसोलिन के अलावा बैटरी का भी प्रयोग होता है। सर्दी में रहन-सहन महंगा हो जाता है। गैसोलिन के दाम तीन गुना तक हो गए हैं। खाना-पीना भी महंगा है, क्योंकि चीजों को हर वक्त गर्म रखना पड़ता है। इस इलाके में सोने, यूरेनियम और हीरे की कई खदानें हैं। खदानों से अच्छी कमाई होती है। इस वजह से लोग शहर नहीं छोड़ते। यहां की आबादी लगातार बढ़ रही है।

यहां नए साल का जश्न सबसे बड़ा त्योहार
साइबेरिया की ये सर्दियां बुजुर्गों के लिए ज्यादा खतरनाक होती हैं, क्योंकि रास्तों पर बर्फ जम जाती है। फिसलन की वजह से बुुजुर्गों के गिरने का डर रहता है और हडि्डयां टूटने के कई मामले आते हैं। अभी क्रिसमस के बाद नए साल के जश्न की तैयारियां चल रही हैं। यह रूस का सबसे बड़ा त्योहार है। लोग एक-दूसरे के लिए गिफ्ट खरीद रहे हैं। सेलिब्रेशन की योजनाएं बना रहे हैं। बर्फीली सर्दियों का इस जश्न पर कोई असर नहीं पड़ता। यहां हर साल ऐसी ही सर्दियों में क्रिसमस और नए साल का जश्न मनाया जाता है।

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