बिकिनी किलर के नाम से कुख्यात चार्ल्स शोभराज फ्रांस रवाना हो गया है। 2003 से नेपाल की जेल में बंद चार्ल्स ने रिहाई के बाद अपने पाकिस्तान जाने और मसूद अजहर से मुलाकात के बारे में बात की थी।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक चार्ल्स गिरफ्तार होने से पहले यानी 2000 से 2003 के बीच कई बार पाकिस्तान गया था। जहां वह मसूद से भी मिला था।
हालांकि चार्ल्स ने यह बताने से इनकार कर दिया कि वह अभी भी पाकिस्तान या इंडियन इंटेलीजेंस सर्विसेस के लोगों से संपर्क में है या नहीं।
पढ़िए चार्ल्स ने क्या-क्या कहा
- 1999 में इंडियन एयरलाइन हाइजैकिंग की घटना के बाद जब मसूद अजहर रिहा हुआ तब इंडियन एक्सप्रेस ने भारत सरकार के साथ मेरी भूमिका के बारे में एक आर्टिकल पब्लिश किया था। जसवंत सिंह मेरे कॉन्टैक्ट में थे। सबसे पहले उन्होंने पेरिस में मुझसे मिलने एक आदमी भेजा।
- उस मुलाकात और जसवंत सिंह से बातचीत के बाद मैंने मसूद की पार्टी हरकत उल अंसार के लोगों से कॉन्टैक्ट किया।उन्होंने यात्रियों को छोड़ने से इनकार कर दिया था, लेकिन मैं उनसे एक वादा लेने में कामयाब रहा कि वे अगले 11 दिनों तक यात्रियों नुकसान नहीं पहुंचाएंगे।
- फिर मैंने जसवंत सिंह को फोन किया, उनसे कहा कि भारत के पास बातचीत के लिए 11 दिन हैं। हकीकत यही है कि यात्रियों को बचाने के लिए भारत सरकार के पास मसूद को छोड़ने के अलावा और कोई रास्ता था ही नहीं।
- कुछ दिन बाद मेरे पास जसवंत सिंह का फोन आया। वे मसूद के साथ बैठे थे। उन्होंने मुझसे मसूद से बात करने कहा। वे चाहते थे कि मैं उसे समझाने की कोशिश करूं कि वह अपने लोगों से कहे कि अगवा किए यात्रियों को छोड़ दे।
- मैंने बात करने से मना कर दिया, उनसे कहा कि मसूद इसके लिए कभी राजी नहीं होगा। मैंने जसवंत से साफ-साफ कह दिया कि मुझे यकीन है 11 दिन बाद वे लोगों को मारना शुरू कर देंगे।
- उस कॉल के बाद मैंने जसवंत सिंह के साथ दोबारा बात की और उन्हें एक दूसरा उपाय बताया कि भारत सरकार वचन दे दे कि मसूद को छह महीने के भीतर रिहा कर दिया जाएगा तो मैं उस आधार पर हरकत उल अंसार से बातचीत करने की पूरी कोशिश करूंगा।
- जसवंत सिंह ने मुझसे कहा कि वह कैबिनेट से चर्चा करेंगे। लेकिन आखिरकार उन्होंने मसूद को रिहा करने का विकल्प चुना। मुझे यकीन था कि अगर उस वक्त सरकार ने मेरी बात मान ली होती तो शायद मैं हरकत उल अंसार को राजी कर सकता था।
नेपाल सरकार समेत कई लोगों पर केस करूंगा- चार्ल्स
19 साल बाद नेपाल की जेल से बाहर आया चार्ल्स शुक्रवार शाम ही फ्रांस रवाना कर दिया गया। नेपाल के गृह विभाग के सचिव फणींद्र मणि पोखरेल के मुताबिक चार्ल्स के 10 साल तक नेपाल में एंट्री पर बैन लगाया गया है।
हालांकि, मीडिया से चर्चा में चार्ल्स शोभराज ने कहा कि वो बेगुनाह है और न्याय के लिए लड़ता रहेगा। चार्ल्स ने कहा- मुझे काफी कुछ करना है। मुझे नेपाल सरकार समेत कई लोगों के खिलाफ केस करना है।
रणदीप हुड्डा ही करें मेरी बायोपिक
अपने जीवन पर बनने वाली फिल्म के बारे में चार्ल्स ने कहा- “मुझे नहीं पता बायोपिक बनेगी या नहीं, मेरी किताब आने के बाद देखते हैं। हो सकता है कोई हिंदी फिल्म बन जाए। और अगर ऐसा है, तो मैं चाहता हूं कि रणदीप हुड्डा फिर से मेरी भूमिका निभाएं। ‘मैं और चार्ल्स’ में उन्होंने बेहतरीन परफॉर्मेंस दी थी। मैं हुड्डा से पिछले साल अक्टूबर में मिला था और मैं उन्हें पसंद करता हूं। मुझे लगता है कि वह बॉलीवुड के टॉप एक्टर्स में शुमार हो जाएगा।”
पत्नी बोलीं- चार्ल्स को खतरा था, इसलिए डिपोर्टेशन ही बेस्ट था
चार्ल्स की पत्नी निहिता बिस्वास ने ANI से कहा कि चार्ल्स की जान को नेपाल में खतरा था। इसलिए उसे डिपोर्ट किया जाना ही सही था। निहिता जो चार्ल्स की वकील भी हैं, उनके बारे में कहा जाता है कि चार्ल्स ने उससे काठमांडू जेल में रहते हुए शादी की थी। निहिता ने बताया कि कोर्ट के आदेश पर चार्ल्स 15 दिन नेपाल में रहने वाला था, लेकिन जेल अथॉरिटीज ने उस पर कुछ और आरोप लगाने की कोशिश की, इसलिए उसका जाना ही सही फैसला था।