देश को आजादी मिलने से पूर्व नगर पंचायत कटरा मेदनीगंज का गठन 17 दिसंबर 1881 में किया गया। यहां की जनता ने हाथ उठाकर अपना पहला चेयरमैन नन्हें बाबू कसेरा को चुना था। 18वीं शताब्दी के महान स्वतंत्रता सेनानी बाबू मेदनी सिंह, सैनिक बाबू गुलाब सिंह के भाई के सम्मान में इस कस्बे का नाम कटरा मेदनीगंज रखा गया है।
यहां हिंदू, मुस्लिम, जैन समुदाय के लोग निवास करते हैं। आपसी भाई चारे के लिए भी यह जाना जाता है। यहां जैन समुदाय के आस्था का प्रतीक प्राचीन श्रीदिगंबर जैन मंदिर प्रसिद्ध है। लाखौरी ईंट से बना प्राचीन शिव मंदिर और मस्जिद भी है। कस्बे में होजरी प्रमुख व्यवसाय है। यहां की नगर पंचायत का निर्माण प्रतापगढ़ सिटी रियासत के राजा अजीत सिंह ने कराया था।
1910 में विजयी लाल जैन अध्यक्ष पद पर हुए थे निर्वाचित
वर्ष 1882 से 1907 तक नन्हें बाबू कसेरा चेयरमैन की कुर्सी पर बने रहे। इसके बाद बख्शी ( तत्कालीन प्रशासक) नियुक्त रहे। वर्ष 1910 में विजयी लाल जैन अध्यक्ष पद पर निर्वाचित हुए। लंबे समय तक बख्शी नियुक्त रहे। इसके बाद हुए चुनाव में जगन्नाथ कसेरा निर्वाचित हुए। जो तीन बार अध्यक्ष पद पर निर्वाचित हुए। अगले कार्यकाल में जगन्नाथ कसेरा ने अस्वस्थ होने के कारण तत्कालीन उप चेयरमैन रहे हबीब उल्ला अंसारी को अपना कार्यभार सौंप दिया।
इस समय जुवैदा खातून है चेयरमैन
इसके बाद हुए चुनाव में वर्ष 1960 में हुए चुनाव में हबीब उल्ला अंसारी चेयरमैन निर्वाचित हुए। जो लगातार पांच बार वर्ष 1985 तक चेयरमैन की कुर्सी पर काबिज रहे। वर्ष 1985 से दो बार मुंशी खलीलुद्दीन अध्यक्ष निर्वाचित हुए। वर्ष 1995 में उमा देवी गुप्ता चेयरमैन चुनी गई। इसके बाद वर्ष 2000 में राम किशोर साहू, 2007 में मोहम्मद इरशाद अंसारी, 2012 में रामकिशोर साहू, वर्ष 2017 में जुवैदा खातून चेयरमैन निर्वाचित हुई।