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चित्रकूट के जंगलों में भेजा गया, इससे पहले भी पकड़ा जा चुका है एक तेंदुआ

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इटावा लायन सफारी पार्क में जंगली तेंदुआ पकड़ा गया। इससे पूर्व भी तेंदुआ पकड़ा जा चुका है। चित्रकूट के मानिकपुर वन रेंज में छोड़ने के लिए ले जाया जा रहा है। इटावा सफारी पार्क के क्षेत्रीय वन अधिकारी अशोक कुमार निवेश को अगुवाई में एक टीम तेंदुआ को छोड़ने के लिए शाम को रवाना हो गई है। पूर्व में सफारी पार्क के दर्जन से अधिक काले हिरणों को जंगली तेंदुए ने अपना शिकार बना चुका है।

बीते मंगलवार को एक जंगली तेंदुआ सफारी के ट्रैप में फंस गया है। लायन सफारी के आस पास के बीहड़ क्षेत्र में बड़ी तादात में तेंदुए पाए जाते हैं। जब इन तेंदुओं को भूख लगती है और इनको शिकार नहीं मिलता तो सफारी की बाउंड्री कूदकर तेंदुए सफारी पार्क के बफर जोन बाहरी हिस्से में घुस आते हैं। सबसे अधिक हिरणों को नुकसान पहुंचाते है। हालांकि सफारी प्रशासन लगातार इस पर नजर बनाए रहता है और अलग अलग क्षेत्रों में ट्रैप लगाकर उनको पकड़ने के प्रयास में रहता है। इसी का नतीजा हैं कि फिर से एक तेंदुआ पकड़ में आया है।

तेंदुए की घुसपैठ से सफारी प्रशासन में हड़कंप
इटावा सफारी पार्क में बनी एंटीलोप सफारी में बीते 13 अप्रैल से सफारी में जंगल के रास्ते घुसे तेंदुए की घुसपैठ से सफारी प्रशासन में हड़कंप मच गया था। क्योंकि सफारी में मौजूद काले हिरण के मौत और घायल होने के मामले सामने आए थे। हालांकि पहले तो सफारी प्रशासन इस बात से इंकार करता रहा कि तेंदुए ने किसी हिरण पर हमला किया, लेकिन जब हिरणों की मौत की संख्या में इजाफा हुआ तो सफारी प्रशासन 4, 5 हिरणों की मौत की बात स्वीकार की, लेकिन सफारी सूत्रों के मुताबिक करीब डेढ़ दर्जन से अधिक हिरणों को तेंदुए ने अपना निवाला बनाया था।

नाले की दीवार पर तेंदुए के पग चिन्ह
जिसके बाद 8 मई को सफारी की बाउंड्री के पास बने नाले की दीवार पर तेंदुए के पग चिन्ह दिखाई दिए थे, जिससे यह माना जा रहा था कि तेंदुआ नाले की दीवार फांदकर सफारी के बाहर जा चुका है। 10 जून को एक खूंखार तेंदुए को पकड़ने में सफारी प्रशासन कामयाब हुआ और उसको चित्रकूट के मानिकपुर के जंगलों में छोड़ा गया था।

तेंदुए को चित्रकूट के जंगलों में छोड़ा
सफारी के डिप्टी डायरेक्टर अरुण कुमार सिंह ने आगे बताया कि, ऐसे में अब सफारी के अंदर फिलहाल वन्यजीवों के लिए कोई खतरा नहीं है। वहीं 350 हेक्टेयर में फैली सफारी जो कि जंगल के बीचो-बीच बनी है। बजट के अभाव में जंगल से लगा हुआ 7 किलोमीटर का वह एरिया जहां से अक्सर तेंदुए सफारी में घुस जाते हैं। उस बाउंड्री को ऊंचा कराने की आवश्यकता है। सफारी को सुरक्षित करने के लिए अभी दो से तीन करोड़ के बजट की आवश्यकता है, जिसकी डिमांड शासन को भेज दी गई है। पकड़े गए तेंदुए को चित्रकूट के जंगलों में छोड़ने के लिए एक टीम रवाना की गई है।

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