अतरसुइया थानाक्षेत्र के अंतर्गत दुष्कर्म के आरोपी ऋषि साहू को अदालत ने 10 साल की जेल और 50 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। अदालत ने कहा कि अर्थदंड की 60 फीसदी राशि पीड़िता को प्रदान की जाएगी। यह आदेश अपर सत्र न्यायाधीश रचना सिंह ने अभियुक्त के वकील और शासकीय अधिवक्ता गुलाब चंद्र अग्रहरि और सहायक शासकीय अधिवक्ता अमित मालवीय के तर्कों को सुन कर दिया।
अदालत ने मामले में चार दिन पहले आरोप तय किए थे। अभियोजन पक्ष के अनुसार वह अभियुक्त ऋषि की जनरल स्टोर की दुकान से सामान खरीदती थी। वहां दुकान में सामान की लिस्ट दे देती थी। ऋषि सामान पहुंचाने उसके घर आता था। एक बार ऋषि ने उसे नशे वाली चॉकलेट खिला दी और उसके साथ दुष्कर्म किया। इसके बाद उसने जबरदस्ती संबंध बनाते हुए वीडियो बना लिया। पीड़िता ने जब वीडियो डिलीट करने के लिए कहा तो उसने तीन लाख रुपये मांगे। इतनी धनराशि देने से मना करने पर उसने वीडियो प्रसारित करने की धमकी दी तो पीड़िता ने रिपोर्ट दर्ज कराने की बात कही।
इसके बाद ऋषि उसकी चार वर्षीय पुत्री का अपहरण करके उसे जान से मारने की धमकी देने लगा। पीड़िता ने ऋषि के खिलाफ 10 मार्च 2016 को रिपोर्ट दर्ज कराई। बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने अभियुक्त को निर्दोष बताते हुए तर्क दिया कि अभियुक्त को झूठा व रंजिशन फंसाया गया है, जबकि अभियोजन ने इसका विरोध किया। अभियुक्त को दोषी साबित करने के लिए अभियोजन ने कोर्ट के समक्ष सात गवाह पेश किए। मामले के तथ्यों व अपराध की गंभीरता को देखते हुए कोर्ट ने ऋषि को दोष सिद्ध करार कर दिया। मामले में अदालत ने बुधवार का दोष के आधार पर सजा सुनाई।